हरियाणा सरकार ने रबी सीजन 2025-26 के लिए तैयारियां की हैं. इस वर्ष सरकार ने 75 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है जिसमें से 25 प्रतिशत गेहूं केंद्रीय पूल के लिए आवंटित किया जाएगा.
खरीद प्रक्रिया की पूरी योजना
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खरीद एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसानों को मंडियों में फसल बेचने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा, उन्होंने मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों को मंडियों में खाली स्थानों पर बड़े शेड का निर्माण करने का आदेश दिया है ताकि भविष्य की जरूरतों का ध्यान रखा जा सके.
खरीद एजेंसियों की भूमिका और जिम्मेदारी
खाद्य एवं आपूर्ति नागरिक उपभोक्ता मामले विभाग, हैफेड, हरियाणा राज्य भंडारण निगम और भारतीय खाद्य निगम को विभिन्न प्रतिशतों में खरीद का कार्य सौंपा गया है. इन संगठनों को सरसों, मसूर और अन्य फसलों की खरीद का कार्य शुरू करने की तारीखें भी निर्धारित की गई हैं.
गेहूं, जौ और चने की खरीद
1 अप्रैल से गेहूं, जौ और चने की खरीद शुरू होगी, जबकि सूरजमुखी की खरीद 1 जून से आरंभ होगी. मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि रबी फसलों की खरीद की अवधि को 15 से 20 दिनों तक जारी रखा जाए ताकि किसानों को सुविधा हो.
वित्तीय व्यवस्था
वित्त विभाग और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा फसल खरीद के लिए आवश्यक फंड की स्वीकृति दे दी गई है, और बैंकों को मंडियों से निकासी गेट पास जारी होने के 48 घंटों के भीतर किसानों के खातों में भुगतान करने के लिए कहा गया है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य
बैठक में विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य भी निर्धारित किए गए, जिससे किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत मिल सके.
इस प्रकार, हरियाणा सरकार ने रबी फसलों की खरीद के लिए व्यापक तैयारियां की हैं और किसानों को बेहतर सुविधाएं और सहायता प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. यह तैयारियां न केवल किसानों की मदद करेंगी बल्कि उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य भी सुनिश्चित करेंगी.