Free Pashu Bima Yojana: हरियाणा सरकार ने राज्य के पशुपालक किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है. किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के साथ-साथ पशु बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है. इस योजना का उद्देश्य पशुपालकों के दुधारू और अन्य पशुओं को सुरक्षा प्रदान करना है. आइए जानते हैं इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ और इसकी विशेषताएं.
क्या है पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना?
यह योजना हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई है, जिसमें राज्य के पशुपालकों के दुधारू और अन्य पशुओं का बीमा बहुत कम प्रीमियम दरों पर किया जा रहा है. अनुसूचित जाति के किसानों के लिए यह बीमा पूरी तरह से मुफ्त है. इस योजना के तहत, किसान अपने बड़े और छोटे पशुओं का बीमा कर सकते हैं.
- बड़े पशु: गाय, भैंस, बैल, ऊंट, घोड़ा आदि.
- छोटे पशु: भेड़, बकरी, सूअर, खरगोश आदि.
प्रीमियम दर और बीमा राशि
योजना के तहत किसानों को बहुत कम प्रीमियम पर अपने पशुओं का बीमा कराने का मौका दिया जा रहा है.
- बड़े पशुओं के लिए प्रीमियम: 100-300 रुपये प्रतिवर्ष.
- छोटे पशुओं के लिए प्रीमियम: 25 रुपये प्रतिवर्ष.
- बीमा राशि: बड़े पशुओं के लिए अधिकतम 1,25,000 रुपये और छोटे पशुओं के लिए 5,000 रुपये.
- किसान अधिकतम 5 बड़े पशु और 50 छोटे पशुओं का बीमा करा सकते हैं.
अनुसूचित जाति के किसानों के लिए विशेष लाभ
अनुसूचित जाति के पशुपालकों को इस योजना का लाभ मुफ्त में दिया जा रहा है. यह पहल सरकार की सामाजिक सशक्तिकरण और आर्थिक सुरक्षा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इससे गरीब और पिछड़े वर्ग के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी.
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जो निम्नलिखित हैं:
- परिवार पहचान पत्र.
- मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस.
- पशु का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र (राजकीय पशु चिकित्सालय द्वारा जारी).
- जाति प्रमाण पत्र (अनुसूचित जाति के लिए).
- बैंक खाता विवरण.
योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को हरियाणा सरल पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार है:
- सबसे पहले सरल पोर्टल पर पंजीकरण करें.
- पंजीकरण के बाद लॉगिन आईडी और पासवर्ड प्राप्त करें.
- पोर्टल पर लॉगिन करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करें.
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें.
- आवेदन पत्र सबमिट करें.
- आवेदन की सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद लाभार्थी को सूचित किया जाएगा.
योजना से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए संपर्क
योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान पशुपालन और डेयरी विभाग हरियाणा से संपर्क कर सकते हैं.
- पता: पशुधन भवन, बेस नंबर 9-12, पंचकुला.
- हेल्पलाइन नंबर: 0172-2574663, 0172-2574664, 0172-2586837.
हरियाणा में पशुपालन और जैविक खेती की स्थिति
हरियाणा देश के अग्रणी राज्यों में से एक है. जहां प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 1105 ग्राम दूध की उपलब्धता है. सरकार ने पशुपालन, जैविक खेती और गौ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं.
- जैविक खेती: वर्मी कम्पोस्ट को रासायनिक खाद का विकल्प बनाया जा रहा है.
- गौ संरक्षण केंद्र: पंचकुला में स्थापित अनुसंधान केंद्र में गाय के गोबर और मूत्र से जैविक उत्पाद बनाए जा रहे हैं.
- गौशालाओं की संख्या: 2014 में राज्य में 215 गौशालाएं थीं जो अब बढ़कर 683 हो गई हैं.
- वैक्सीनेशन अभियान: मुंह और खुर की बीमारियों के रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है.