Free Ration Scheme Action: केंद्र सरकार द्वारा देश के गरीब और जरूरतमंद लोगों को सहायता देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें से एक सबसे प्रमुख योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना है, जिसके तहत देशभर के करोड़ों जरूरतमंदों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना का उद्देश्य था कि कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा न रहे और उसे आवश्यक खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके।
कोरोना काल में शुरू हुई थी मुफ्त राशन योजना
यह योजना कोरोना महामारी के समय शुरू की गई थी, जब लॉकडाउन के चलते लाखों लोगों की नौकरियां चली गई थीं और उन्हें दो वक्त का भोजन जुटाने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में सरकार ने गरीबों को राहत देने के लिए यह स्कीम लागू की थी। लेकिन अब सरकार को इस स्कीम का दुरुपयोग होते हुए नजर आ रहा है।
इनकम टैक्स वाले ले रहे थे फ्री राशन
सरकार की हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार, कई ऐसे लोग भी मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे थे, जो वास्तव में इसके पात्र नहीं थे। इनमें आयकरदाता (Income Tax Payers) भी शामिल थे, जो अपनी अच्छी खासी कमाई के बावजूद मुफ्त राशन ले रहे थे। यह न केवल सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है, बल्कि उन गरीबों के साथ भी अन्याय है, जिनके लिए यह योजना बनाई गई थी।
मथुरा में सामने आया बड़ा घोटाला
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में 11,849 इनकम टैक्स दाताओं के नाम सामने आए हैं, जो सरकार की मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे थे। यह वे लोग हैं, जो नियमित रूप से इनकम टैक्स भरते हैं, लेकिन फिर भी मुफ्त राशन लेने से पीछे नहीं हट रहे थे।
आपूर्ति विभाग ने की कार्रवाई, हजारों राशन कार्ड रद्द
जांच के बाद आपूर्ति विभाग ने ऐसे सभी राशन कार्ड धारकों की पहचान की और उनके राशन कार्ड रद्द कर दिए। इसके साथ ही, सरकार अब अन्य राज्यों में भी इसी तरह की जांच करने की योजना बना रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल वास्तविक जरूरतमंद ही इस योजना का लाभ लें।
जिले में बने हैं लाखों राशन कार्ड
मथुरा जिले में कुल 4,64,230 राशन कार्ड बनाए गए थे, जिनमें से 4,22,794 लाभार्थी पात्र गृहस्थी योजना के तहत थे और 41,436 लाभार्थी अंत्योदय योजना के तहत मुफ्त राशन पा रहे थे। इस योजना के तहत गरीबों को हर महीने 35 किलो खाद्यान्न दिया जाता है, जबकि पात्र गृहस्थी योजना में प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन दिया जाता है।
सरकार ने क्यों लिया सख्त फैसला?
फ्री राशन योजना सरकार द्वारा गरीबों के लिए बनाई गई थी, लेकिन जब इसमें आर्थिक रूप से संपन्न लोग भी शामिल होने लगे, तो सरकार को इस पर सख्त रुख अपनाना पड़ा। सरकार चाहती है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे और अनुचित लाभ लेने वालों पर कार्रवाई की जाए।
अब इन्हें नहीं मिलेगा मुफ्त राशन
अब सरकार ने यह फैसला किया है कि आयकरदाताओं को मुफ्त राशन योजना से बाहर कर दिया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति इनकम टैक्स भरता है और उसके पास राशन कार्ड है, तो उसका राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाएगा। इसके लिए सरकार आधार और पैन कार्ड को लिंक करने की प्रक्रिया भी तेज कर रही है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी अपात्र व्यक्ति इस योजना का लाभ न उठा सके।
कई अन्य फर्जी कार्ड भी हुए रद्द
इस जांच में यह भी पाया गया कि कई ऐसे राशन कार्ड धारक थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन उनके नाम पर अब भी राशन लिया जा रहा था। इसके अलावा, ऐसे भी कई लोग पाए गए, जिनकी आर्थिक स्थिति बेहतर थी, फिर भी वे गरीबों की इस योजना का फायदा उठा रहे थे।
राशन कार्ड रद्द होने के बाद क्या करें?
जिन लोगों के राशन कार्ड सरकार द्वारा रद्द कर दिए गए हैं, वे अब इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे। यदि कोई व्यक्ति मानता है कि उसका राशन कार्ड गलत तरीके से रद्द किया गया है, तो वह संबंधित आपूर्ति विभाग में आवेदन कर सकता है और आवश्यक दस्तावेज दिखाकर अपना कार्ड बहाल करा सकता है।
क्या नए नियम लागू होंगे?
सरकार इस योजना में सुधार लाने के लिए कुछ नए नियम लागू करने की योजना बना रही है। इनमें निम्नलिखित बदलाव हो सकते हैं:
- आधार-पैन लिंकिंग: राशन कार्ड को आधार और पैन कार्ड से लिंक किया जाएगा, जिससे इनकम टैक्स देने वाले स्वतः ही इस योजना से बाहर हो जाएंगे।
- ऑनलाइन सत्यापन: राशन कार्ड धारकों का ऑनलाइन सत्यापन किया जाएगा, जिससे फर्जी लाभार्थियों की पहचान की जा सके।
- वार्षिक आय का सत्यापन: जिनकी वार्षिक आय सरकार द्वारा तय की गई सीमा से अधिक होगी, वे स्वतः इस योजना से बाहर हो जाएंगे।