ATM Withdrawal Hiked: एटीएम इंटरचेंज शुल्क वह राशि है जो बैंक दूसरे बैंक को अपने एटीएम सेवाओं का उपयोग करने के लिए देता है. यह शुल्क आमतौर पर प्रत्येक लेन-देन पर एक निश्चित राशि होती है. हाल ही में, आरबीआई ने इस शुल्क में बढ़ोतरी की मंजूरी दी है जिसका उद्देश्य बढ़ते परिचालन व्यय को संतुलित करना और वित्तीय संस्थानों को उनकी लागत की भरपाई करने में मदद करना है.
ग्राहकों पर प्रभाव
इस नई वृद्धि का सबसे बड़ा प्रभाव उन ग्राहकों पर पड़ेगा जो एटीएम का उपयोग अपने नियमित वित्तीय लेनदेन के लिए करते हैं. विशेषकर, छोटे बैंकों के ग्राहक, जो बड़े बैंकों के एटीएम नेटवर्क पर निर्भर होते हैं, को अधिक शुल्क चुकाना पड़ सकता है. 1 मई से इस नई वृद्धि के लागू होने के बाद, ग्राहकों को मुफ्त सीमा के बाद प्रत्येक लेनदेन पर अधिक खर्च उठाना पड़ेगा.
शुल्क में बढ़ोतरी के वित्तीय परिणाम
बैंक द्वारा इस शुल्क वृद्धि को लागू करने का मुख्य उद्देश्य उनके परिचालन खर्चों का प्रबंधन करना है. इस वृद्धि से बैंकों को अपने एटीएम ऑपरेशंस को बनाए रखने में मदद मिलेगी, खासकर जब बढ़ती लागतें उनके व्यवसाय को प्रभावित कर रही हैं.
डिजिटल लेनदेन का बढ़ता असर
डिजिटल लेनदेन के बढ़ते प्रचलन ने नकद लेनदेन की आवश्यकता को कम कर दिया है, जिससे एटीएम की उपयोगिता पर भी प्रभाव पड़ा है. वित्तीय वर्ष 2023 के डेटा दर्शाते हैं कि डिजिटल भुगतान में काफी वृद्धि हुई है, जो वित्तीय सेवाओं में बदलाव की ओर इशारा करता है.