New Land Rule: हरियाणा विधानसभा ने वीरवार को एक महत्वपूर्ण विधेयक, हरियाणा भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक को पारित किया जिससे अब पति-पत्नी को छोड़कर, खून के रिश्तों में भी साझे खाते की जमीन का बंटवारा संभव होगा. इस संशोधन के तहत, संयुक्त मालिकों के बीच जमीनी विवादों को सुलझाने में आसानी होगी, जिससे लंबित मुकदमों में कमी आएगी और किसानों को अपनी जमीन का उचित हिस्सा मिल सकेगा.
अदालतों में लंबित केसों पर असर
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल के अनुसार, इस नए कानून से हरियाणा के लगभग 14 से 15 लाख किसानों को राहत मिलेगी. वर्तमान में, तहसीलदार और सहायक कलेक्टर की अदालतों में एक लाख से अधिक मामले चल रहे हैं जिन्हें इस संशोधन के जरिए तेजी से निपटाने की संभावना है.
नई धारा के तहत बंटवारे की प्रक्रिया
नए कानून के अनुसार, खून के रिश्तों में या अन्य संयुक्त मालिकों के बीच जमीन का बंटवारा अब और भी सरल होगा. पति-पत्नी को छोड़कर, यदि कोई भी सह-स्वामी अपनी हिस्सेदारी की जमीन का बंटवारा चाहता है (land partition [simplified partition process]), तो उन्हें आवेदनकर्ता के रूप में शामिल किया जाएगा, और राजस्व अधिकारी इसकी प्रक्रिया को सुनिश्चित करेंगे.
कानूनी धाराओं के तहत जमीन का इंतकाल
अगर सभी सह-स्वामित्वकर्ता आपसी सहमति से जमीन का विभाजन (land division [consensual partition]) करते हैं, तो अधिनियम की धारा 111-क (3) के अंतर्गत जमीन के विभाजन का इंतकाल धारा 123 के प्रावधान के अंतर्गत किया जाएगा. यदि सहमति नहीं बनती है, तो सहायक कलेक्टर और तहसीलदार की अदालत निर्धारित समय के अंदर जमीन का बंटवारा सुनिश्चित करेगी, जिससे भूमि विवादों को जल्दी सुलझाया जा सकेगा.