Sanskrit Teacher: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संस्कृत विद्यालयों में मानदेय पर पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए एक बड़ी सौगात की घोषणा की है. सरकार जल्द ही राज्य के राजकीय और ऐडेड संस्कृत विद्यालयों में कार्यरत 1010 शिक्षकों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. इस कदम से शिक्षकों की स्थिरता और उनके करियर में सुधार होने की उम्मीद है.
प्रस्ताव और नियमितीकरण की प्रक्रिया
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इस वर्ष जनवरी में ही एक प्रस्ताव (proposal [teacher regularization proposal]) शासन को भेजा था, जिसमें संस्कृत शिक्षकों को नियमित करने की भंति एक निश्चित प्रक्रिया को अपनाने की बात कही गई है. प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद, शिक्षकों के विनियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी जिससे इन शिक्षकों की नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
रिक्त पदों की स्थिति और नियुक्ति की चुनौतियाँ
प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों में कुल 2080 पदों में से 955 पद ही भरे गए हैं जबकि 1125 पद अभी भी रिक्त (vacant positions [filling vacancies]) पड़े हैं. रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया लंबी और कठिन होने के कारण सरकार ने मानदेय पर कार्यरत शिक्षकों को विशेष अंक देकर उन्हें नियमित करने की एक नई योजना तैयार की है.
विनियमितीकरण की नई रणनीति और कानूनी सलाह
विनियमितीकरण की इस नई रणनीति के तहत, मानदेय पर कार्यरत शिक्षकों को उनकी सेवाकाल के लिए विशेष अंक दिए जाएंगे, और उनकी परीक्षाएं एवं साक्षात्कार लेकर पात्र पाए जाने पर उन्हें नियमित किया जाएगा. इस प्रक्रिया को किसी भी कानूनी या तकनीकी अड़चन से मुक्त रखने के लिए विधि विभाग और सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो से राय मांगी जा रही है.