Distance Course Rules: हरियाणा सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव करते हुए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को पूरे प्रदेश में डिस्टेंस एजुकेशन (Distance Education) के माध्यम से पढ़ाई और परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दे दी है। अब तक यह सुविधा केवल विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार तक सीमित थी, लेकिन अब कोई भी छात्र प्रदेश के किसी भी जिले से राज्य विश्वविद्यालय के कोर्स में दाखिला ले सकेगा और अपने ही जिले में परीक्षा दे सकेगा।
दूर-दराज के छात्रों को मिलेगा ज्यादा फायदा
इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा उन छात्रों को मिलेगा जो अपने गृह जिले से दूर नहीं जा सकते या कामकाज के चलते समय नहीं निकाल पाते। अब वे अपने ही जिले में रहकर विश्वविद्यालय के डिस्टेंस कोर्स में प्रवेश लेकर पढ़ाई और परीक्षा दोनों कर सकेंगे। इससे लाखों विद्यार्थियों को राहत मिलेगी, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को।
यूजीसी नियमों के आधार पर हुई व्यवस्था
हरियाणा उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने यूजीसी (UGC) के नियमों का हवाला देते हुए यह स्पष्ट किया है कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय अब पूरे हरियाणा में डिस्टेंस एजुकेशन चला सकेंगे। इससे पहले यह सुविधा केवल विवि के क्षेत्राधिकार के भीतर सीमित थी।
2012 में बंद हुए थे स्टडी सेंटर तब से उठ रही थी मांग
गौरतलब है कि वर्ष 2012 में कांग्रेस शासन के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा की तत्कालीन शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने राज्य में सभी विश्वविद्यालयों के स्टडी सेंटर बंद करवा दिए थे। इसके बाद छात्रों और शिक्षकों द्वारा लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि डिस्टेंस एजुकेशन को दोबारा पूरे राज्य में लागू किया जाए।
2021 में बनी कमेटी की चली लंबी प्रक्रिया
राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए वर्ष 2021 में एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय हिसार, और एमडीयू रोहतक के डिस्टेंस लर्निंग निदेशक के साथ-साथ हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद के चेयरमैन को शामिल किया गया।
10 से 12 लाख विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
विशेषज्ञों का मानना है कि इस व्यवस्था से प्रदेशभर के 10 से 12 लाख विद्यार्थियों को तत्काल रूप से लाभ मिलेगा। जो छात्र अब तक सीमित विकल्पों की वजह से डिस्टेंस कोर्स नहीं कर पा रहे थे, वे अब आसानी से उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे।
कोविड के बाद बदली शिक्षा की दिशा
कोविड महामारी के बाद से ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग की अहमियत बहुत बढ़ी है। ऐसे में सरकार का यह कदम समय की मांग के अनुसार सही दिशा में एक प्रयास माना जा रहा है। इससे राज्य में साक्षरता दर भी बढ़ेगी और युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर भी मिलेंगे।
नई शिक्षा नीति को मिलेगा बल
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में लचीली पढ़ाई, बहुविकल्पीय शिक्षा और तकनीकी माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। हरियाणा सरकार का यह फैसला उसी दिशा में एक ठोस कदम है, जो राज्य को शिक्षित और समर्थ बनाने की दिशा में मदद करेगा।
कुलपतियों की बैठक में भी हुई थी चर्चा
हाल ही में कबीर कुटिया में आयोजित कुलपतियों की बैठक में भी इस विषय पर विस्तार से चर्चा हुई थी। सभी कुलपतियों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया और इसे जल्द लागू करने पर सहमति जताई थी।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी पहल
हरियाणा सरकार का यह फैसला निश्चित ही राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल विद्यार्थियों को सहूलियत मिलेगी, बल्कि विश्वविद्यालयों को भी अधिक नामांकन मिलेंगे और प्रदेश में उच्च शिक्षा का स्तर ऊपर उठेगा।