हरियाणा में इन परिवारों होगी सरकारी कार्रवाई, 20 अप्रैल तक का दिया टाइम Haryana Govt Action

Shiv Shankar
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हरियाणा सरकार ने अब ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जो फैमिली आईडी (Parivar Pehchan Patra) में गलत जानकारी दर्ज कर बीपीएल (BPL) श्रेणी के तहत मिलने वाले लाभ उठा रहे थे। बीते एक महीने में प्रदेशभर में 1609 परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया गया है। यह कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई उस विशेष जांच का नतीजा है, जिसमें इन परिवारों की आय सीमा और अन्य दस्तावेजों की पुनः जांच की गई।

20 अप्रैल तक का मिला अंतिम मौका खुद सुधारें जानकारी

राज्य सरकार ने इन सभी फर्जी लाभार्थियों को 20 अप्रैल 2025 तक का समय दिया है कि वे स्वयं ही फैमिली आईडी में सही जानकारी दर्ज करें और बीपीएल श्रेणी से बाहर हो जाएं। अगर कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता है और सरकार की जांच में दोषी पाया जाता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अब तक उठाए गए लाभ की वसूली भी की जाएगी।

3 साल तक की हो सकती है सजा धोखाधड़ी के केस दर्ज होंगे

हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी योजनाओं का लाभ लेना एक गंभीर अपराध है। ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 318 के तहत केस दर्ज किया जाएगा, जिसमें दोषी पाए जाने पर अधिकतम तीन साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान है। सरकार की इस सख्ती के बाद अब आम जनता में भी सतर्कता देखी जा रही है।

बजट सत्र में उठा था फर्जी बीपीएल का मुद्दा

इस पूरे मामले की शुरुआत हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र से हुई, जब विपक्ष ने सरकार से सवाल किया कि हजारों ऐसे परिवार बीपीएल सूची में शामिल हैं जिनकी आय तय सीमा से अधिक है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच और कार्रवाई के आदेश जारी किए। अब प्रशासन की ओर से मोबाइल पर मैसेज भेजकर संदिग्ध परिवारों को जानकारी दी जा रही है।

1.80 लाख की आय सीमा से अधिक वाले परिवार भी बनवा रहे थे बीपीएल कार्ड

हरियाणा सरकार द्वारा बीपीएल श्रेणी में शामिल होने के लिए सालाना पारिवारिक आय की सीमा ₹1.80 लाख निर्धारित की गई है। मगर जांच में सामने आया कि कई परिवारों ने अपनी आय छिपाकर या परिवार को फर्जी तरीके से बांटकर बीपीएल श्रेणी में नाम दर्ज करवा लिया। कागजों में ये लोग अलग-अलग परिवार दिखाए गए, जबकि वास्तविकता में वे एक ही घर में रह रहे हैं।

सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहे थे फर्जी गरीब

बीपीएल कार्डधारकों को सरकार की ओर से कई सुविधाएं दी जाती हैं जैसे मुफ्त राशन, आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज, वृद्धावस्था पेंशन, छात्रवृत्ति, फ्री सिलेंडर, सरकारी नौकरियों में अतिरिक्त अंक, आवास योजनाओं में प्राथमिकता आदि। इन सभी का लाभ लेने के लिए कुछ लोगों ने झूठे दस्तावेज़ बनवाए, जिससे असली गरीब वंचित रह गए।

सरकार की चेतावनी अब माफ नहीं किया जाएगा

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस बार लापरवाही या फर्जीवाड़ा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी संबंधित जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे मामलों की जांच तेजी से पूरी करें और दोषियों को चिह्नित करें। प्रशासन के पास अब डिजिटल फैमिली आईडी पोर्टल है, जिससे इनकम, बिजली बिल, संपत्ति और बैंक खातों जैसी जानकारी क्रॉस वेरिफाई की जा सकती है।

फैमिली आईडी में करें सही जानकारी अपडेट वरना होगा नुकसान

यदि किसी ने गलती से या अज्ञानता में भी गलत जानकारी दर्ज करवा रखी है, तो वह व्यक्ति भी दोषी माना जाएगा। सरकार ने ऐसे सभी लोगों को सलाह दी है कि व https://meraparivar.haryana.gov.in पोर्टल पर जाकर या अपने नजदीकी CSC केंद्र पर जाकर फैमिली आईडी की जानकारी अपडेट करवा लें। यह काम 20 अप्रैल 2025 से पहले ही कर लेना जरूरी है।

पारदर्शिता के लिए जरूरी है सही जानकारी

हरियाणा सरकार का यह कदम प्रदेश में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने की दिशा में बड़ा प्रयास है। जब फर्जी लाभार्थियों को योजनाओं से बाहर किया जाएगा, तभी असली जरूरतमंदों तक सरकारी मदद पहुंच पाएगी। साथ ही, आम लोगों को भी यह समझने की आवश्यकता है कि सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ लेना कानूनन अपराध है, जो न केवल समाज बल्कि देश की व्यवस्था के लिए भी घातक है।

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