E Rickshaw Registration: भारतीय शहरों और गांवों में ई-रिक्शा की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे परिवहन सुविधाएँ बेहतर हुई हैं. वर्तमान में 50 लाख से अधिक ई-रिक्शा होने का अनुमान है, लेकिन पिछले पांच वर्षों में केवल 16 लाख ई-रिक्शा का ही सरकारी पंजीकरण हुआ है. दिल्ली में ही डेढ़ लाख पंजीकृत ई-रिक्शा हैं जो यह दर्शाता है कि बड़ी संख्या में ई-रिक्शा अवैध रूप से चल रहे हैं.
अवैध ई-रिक्शा का संचालन
अनुमान के मुताबिक, दिल्ली के सड़कों पर चलने वाले 40% ई-रिक्शा अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं. दिल्ली परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि संभवत: 40,000 ई-रिक्शा अवैध रूप से चल रहे हैं, जिससे न केवल ट्रैफिक में व्यवधान पैदा हो रहा है, बल्कि यह सुरक्षा के लिहाज से भी एक बड़ी चिंता है.
वर्ष 2020 में ई-रिक्शा पंजीकरण की स्थिति
2020 में दिल्ली में केवल 70,000 ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन हुआ जबकि अगले दो वर्षों में इनकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने बताया कि जनवरी 2020 से दिसंबर 2024 तक 16,18,941 ई-रिक्शा का पंजीकरण किया गया. यह डेटा दर्शाता है कि ई-रिक्शा के पंजीकरण में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन अभी भी कई ई-रिक्शा बिना पंजीकरण के चल रहे हैं.
ई-रिक्शा संचालन में इन्फोर्समेंट और नियम
ई-रिक्शा संचालन में इन्फोर्समेंट (enforcement responsibility [state governments]) की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है. केंद्र सरकार ने बैटरी संचालित रिक्शा के मानकों और सुरक्षा आकलन के लिए रेटिंग सिस्टम तैयार करने की दिशा में कदम उठाया है, जिसे कारों के लिए बनाए गए न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम के अनुरूप बनाया जा रहा है. यह सिस्टम ई-रिक्शा के संचालन को और अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए महत्वपूर्ण है.