Govt Ordor On School: दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी प्राइवेट स्कूल को विद्यार्थियों या उनके अभिभावकों पर किसी विशेष वेंडर से किताब, कॉपियां, और यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव नहीं बनाने का आदेश दिया गया है. यह कदम विभिन्न अभिभावकों और छात्रों की ओर से आई शिकायतों के जवाब में उठाया गया है.
शिक्षा मंत्री का बयान और स्कूलों की जिम्मेदारी
दिल्ली के शिक्षा मंत्री, आशीष सूद ने बताया कि कई निजी स्कूल विद्यार्थियों को विशेष प्राइवेट वेंडरों से किताबें और शिक्षा सामग्री खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं. नए निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि सभी प्राइवेट स्कूलों को अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर उन किताबों की सूची प्रकाशित करनी होगी जिनका उपयोग शिक्षण में किया जा रहा है.
सुविधा में पारदर्शिता
स्कूलों को यह भी आदेश दिया गया है कि वे कम से कम पांच दुकानों के नाम प्रकाशित करें, जो स्कूल के आसपास किताबें और यूनिफॉर्म मुहैया करा रहे हैं. इससे अभिभावकों को विभिन्न विकल्पों से चुनने की स्वतंत्रता मिलेगी और मनमानी कीमतों पर रोक लगेगी.
कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
यदि कोई स्कूल इन निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उनके खिलाफ दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. BNS और BNSS के तहत आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाएगी, और अभिभावकों को किसी भी उल्लंघन की रिपोर्ट ईमेल या हेल्पलाइन के माध्यम से करने की सलाह दी गई है.
सरकार की प्रतिबद्धता और अभिभावकों से अपील
दिल्ली सरकार ने यह भी कहा है कि वह शिक्षा को सभी के लिए सस्ती और सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. अभिभावकों से अपील की गई है कि वे किसी भी उल्लंघन की सूचना देने में सक्रिय रहें ताकि शिक्षा प्रणाली में सुधार और बच्चों के हितों की रक्षा हो सके.