Public Holiday: पंजाब के पठानकोट जिले में सोमवार 7 अप्रैल को आधे दिन की सरकारी छुट्टी का ऐलान किया गया है. यह छुट्टी जिले के सभी सरकारी और गैर-सरकारी शैक्षणिक संस्थानों पर लागू होगी. इस दौरान स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे. जिला प्रशासन द्वारा यह फैसला धार्मिक अवसर और स्थानीय जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
शोभा यात्रा के कारण लिया गया निर्णय
इस छुट्टी का मुख्य कारण स्वामी श्री गुरु नाभा दास महाराज जी की जयंती है. हर साल की तरह इस बार भी 7 अप्रैल को उनकी स्मृति में एक भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. इस यात्रा में जिले के हजारों लोग भाग लेते हैं, जिसमें सरकारी कर्मचारी, निजी संस्थानों के लोग, विद्यार्थी और आम नागरिक शामिल होते हैं. यात्रा की भव्यता और श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने शिक्षा संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया है ताकि सभी लोग इस आयोजन में भाग ले सकें.
डिप्टी कमिश्नर ने जारी किया आदेश
पठानकोट के डिप्टी कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट आदित्य उप्पल ने इस छुट्टी की आधिकारिक घोषणा की है. उन्होंने कहा कि इस विशेष मौके पर जिले में सांप्रदायिक सद्भाव और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शोभा यात्रा आयोजित की जा रही है. इसलिए 7 अप्रैल को जिले में स्थानीय अवकाश रहेगा, जो सिर्फ आधे दिन के लिए लागू होगा.
क्या क्या रहेगा बंद और क्या खुलेगा?
इस आधे दिन की छुट्टी का असर केवल शिक्षण संस्थानों पर पड़ेगा. यानी कि सरकारी और प्राइवेट स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान व अन्य शैक्षणिक केंद्र बंद रहेंगे. सरकारी दफ्तर, बैंक, अस्पताल और जरूरी सेवाएं पहले की तरह काम करती रहेंगी. हालांकि, जो कर्मचारी शोभा यात्रा में भाग लेंगे, उन्हें प्रशासन की ओर से विशेष छूट दी जा सकती है.
शोभा यात्रा के मार्ग और सुरक्षा व्यवस्था
जिला प्रशासन ने शोभा यात्रा के सुरक्षित संचालन के लिए विशेष योजना तैयार की है. यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरेगी, जिसमें विभिन्न धार्मिक झांकियां, भजन मंडलियां और सेवाभावी संस्थाएं हिस्सा लेंगी. पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. ट्रैफिक को सही दिशा में मोड़ने के लिए यातायात पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है.
विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए अवसर
यह आयोजन विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए एक सामाजिक और सांस्कृतिक अनुभव का अवसर है. इस तरह की शोभा यात्राएं सिर्फ धार्मिक ही नहीं होतीं, बल्कि इनमें एकता, भाईचारे और समाज सेवा का संदेश भी छिपा होता है. विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को जानने का एक सुनहरा मौका मिलता है.
शोभा यात्रा के कारण बाजारों में भी हलचल
इस विशेष आयोजन के चलते जिले के बाजारों में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. पूजा सामग्री, सजावट के सामान, फूलों और प्रसाद की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई है. स्थानीय व्यापारियों को उम्मीद है कि इस धार्मिक अवसर पर उनकी बिक्री में बढ़ोतरी होगी. वहीं, होटल और रेस्टोरेंट्स में भी तैयारियां तेज हो गई हैं, क्योंकि बाहर से भी श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है.
शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील
डिप्टी कमिश्नर आदित्य उप्पल ने आम जनता से अपील की है कि शोभा यात्रा के दौरान शांतिपूर्वक और अनुशासन के साथ हिस्सा लें. किसी भी तरह की अफवाह से बचें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें. इसके अलावा प्रशासन ने सोशल मीडिया पर भी सतर्कता बरतने की सलाह दी है ताकि गलत जानकारी फैलने से रोका जा सके.