Haryana News: हरियाणा सरकार ने एक बार फिर सड़कों की बदहाली को लेकर सख्त रुख अपनाया है। राज्य के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश की सभी सड़कों को 15 जून 2025 तक गड्ढा मुक्त कर दिया जाए। इसके लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है ताकि मानसून आने से पहले राज्य के नागरिकों को बेहतर सड़क सुविधा मिल सके।
गड्ढा मुक्त सड़कों के लिए विशेष अभियान की घोषणा
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने राज्य भर के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि हर जिले में गड्ढा मुक्त सड़क अभियान चलाया जाए। इस अभियान का उद्देश्य है कि मानसून के दौरान बारिश के पानी से सड़कों की हालत और खराब न हो, और लोग सुरक्षित व सरल यातायात का लाभ उठा सकें।
25 अप्रैल को लॉन्च होगा ‘हर पथ 2.0’ ऐप
सड़कों की स्थिति पर निगरानी रखने और आम नागरिकों को शिकायत दर्ज कराने की सुविधा देने के लिए ‘हर पथ’ मोबाइल ऐप का नया वर्जन ‘हर पथ 2.0’ 25 अप्रैल को लॉन्च किया जाएगा। यह ऐप नागरिकों को यह सुविधा देगा कि वे किसी भी गड्ढे या क्षतिग्रस्त सड़क की फोटो खींचकर सीधे सरकार को भेज सकें।
- शिकायत मिलते ही संबंधित अधिकारी पर होगी जिम्मेदारी
- ऐप में जियो टैगिंग और ट्रैकिंग सिस्टम भी रहेगा
- शिकायत का समाधान तय समयसीमा में करना होगा
उपायुक्तों को मिली जिलों में सड़क सर्वे की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को अपने-अपने जिले की सड़कों का सर्वे करने और क्षतिग्रस्त सड़कों की सूची तैयार कर समय सीमा में मरम्मत कार्य शुरू करवाने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को कम समय वाले टेंडर लगाने की छूट दी गई है ताकि प्रक्रिया लंबी न खिंचे और समय पर कार्य शुरू हो जाए।
गुणवत्ता से नहीं होगा समझौता दोबारा खराब हुई सड़क की जिम्मेदारी ठेकेदार की
मुख्यमंत्री सैनी ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि सड़कों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जो सड़कें तय समय से पहले ही खराब हो गई हैं, उनकी मरम्मत उसी ठेकेदार से करवाई जाएगी जिसने निर्माण किया था। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अगली बार कोई लापरवाही न हो।
मानसून से पहले काम पूरा करने पर फोकस
हरियाणा सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि मानसून के आने से पहले सड़कों की मरम्मत का सारा कार्य पूरा कर लिया जाए। मानसून के दौरान आमतौर पर बारिश के पानी से गड्ढे और ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं, जिससे सड़क हादसों का खतरा बढ़ जाता है। इसी वजह से 15 जून की डेडलाइन तय की गई है।
शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों पर बराबर ध्यान
राज्य सरकार ने साफ किया है कि यह अभियान केवल नेशनल या स्टेट हाईवे तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि शहरों की गलियों और गांवों की पक्की सड़कों तक भी इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में खराब सड़कें किसानों और स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बनती हैं।
सरकारी योजनाओं से जुड़ेंगी मरम्मत परियोजनाएं
इस अभियान में कई राज्यस्तरीय और केंद्र की योजनाओं को जोड़ने की योजना है, जैसे:
- प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY)
- हरियाणा स्टेट रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम
- पंचायती राज और नगर निकाय फंड
इन योजनाओं से मिलने वाली राशि को इस गड्ढा मुक्त अभियान के लिए उपयोग किया जाएगा।
जनता की भागीदारी से बढ़ेगी पारदर्शिता
‘हर पथ 2.0’ ऐप के जरिए जनता की सीधी भागीदारी को सरकार ने प्राथमिकता दी है। नागरिक जितना ज्यादा अपनी शिकायत दर्ज करेंगे, उतनी तेजी से सड़क सुधार की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इससे सरकार की जवाबदेही भी तय होगी और पारदर्शिता बनी रहेगी।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम
मुख्यमंत्री ने सांसदों, विधायकों, पार्षदों और सरपंचों से भी अपील की है कि वे अपने क्षेत्रों की टूटी सड़कों की पहचान करके प्रशासन को अवगत कराएं। स्थानीय नेताओं की सक्रिय भागीदारी से कार्य को समय पर पूरा किया जा सकता है।
हरियाणा को मिलेगी गड्ढा मुक्त सड़कों की सौगात
हरियाणा सरकार का यह निर्णय राज्य के नागरिकों के लिए राहत लेकर आया है। लंबे समय से टूटी-फूटी सड़कों के कारण हो रहे दुर्घटनाएं, ट्रैफिक जाम और असुविधा से अब जल्द ही निजात मिलने की उम्मीद है।