Barish Alert: इन दिनों देश भर में मौसमी बदलावों के चलते बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि की घटनाएँ बढ़ रही हैं. 22 मार्च 2025 तक हुई इन आपदाओं से मध्यप्रदेश के कई जिलों में किसानों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने फसल नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने का फैसला किया है. इस संबंध में फसलों के नुकसान का सर्वे किया जा रहा है ताकि किसानों को सही राहत दी जा सके.
प्रदेश के 12 जिलों में फसलों को सबसे अधिक नुकसान
मध्यप्रदेश के 12 जिलों में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. इन जिलों में खड़ी फसलों को काफी क्षति पहुंची है, जिसमें शहडोल, सिंगरौली, उमरिया, मैहर, सागर, अनुपपुर, दमोह, जबलपुर, पन्ना, सिवनी, कटनी और डिंडौरी जिले शामिल हैं. प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, 275 गांवों में 2194 हैक्टेयर में लगी फसल का नुकसान हुआ है, जिसमें 2160 किसान प्रभावित हुए हैं.
किस जिले में कितनी गांवों में हुआ नुकसान
विस्तृत सर्वे के अनुसार, सिंगरौली जिले की 3 तहसीलों के 50 गांवों में और दमोह जिले की 6 तहसीलों के 105 गांवों में सबसे अधिक नुकसान हुआ है. जबलपुर और पन्ना जिले में भी कई गांवों में फसल को भारी क्षति पहुंची है. इस सर्वे से सरकार को नुकसान का सही आकलन करने में मदद मिलेगी, ताकि प्रभावित किसानों को यथाशीघ्र राहत पहुंचाई जा सके.
अब तक कितनी मिली मुआवजे की राशि
मध्यप्रदेश सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के दौरान विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को कुल 643.92 करोड़ रुपए का मुआवजा वितरित किया है. इसमें ओलावृष्टि से हुई क्षति के लिए 216.44 करोड़ रुपए शामिल हैं, जो कि सबसे बड़ी राशि है. इस राशि का उद्देश्य पीड़ित किसानों को जल्दी से जल्दी राहत पहुंचाना है.
किसान कहां दे नुकसान की सूचना
किसानों को अपनी फसलों के नुकसान की सूचना कृषि रक्षक हेल्पलाइन नंबर 14447 पर देनी चाहिए. यह हेल्पलाइन उन किसानों के लिए स्थापित की गई है जिन्होंने अपनी फसलों का बीमा कराया हुआ है और उन्हें बेमौसमी बारिश या ओलावृष्टि के कारण नुकसान हुआ है. इसके अलावा, किसान अपनी बीमा कंपनी या नजदीकी कृषि विभाग के अधिकारियों को भी 72 घंटे के अंदर सूचित कर सकते हैं.