School Holiday: रामनगरी अयोध्या इन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से भरी हुई है. माघ पूर्णिमा (12 फरवरी) से पहले यहां श्रद्धालुओं का आगमन तेजी से बढ़ रहा है. दिन-रात अयोध्या जाग रही है, और हर तरफ “जय श्री राम” के उद्घोष सुनाई दे रहे हैं. सोमवार को ही दस लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे और सरयू में स्नान कर राममंदिर व हनुमानगढ़ी के दर्शन किए.
भीड़ नियंत्रण के लिए बढ़ा रूट डायवर्जन
श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के कारण प्रशासन को रूट डायवर्जन का दायरा बढ़ाना पड़ा है. अयोध्या की गलियों में भीड़ इतनी अधिक हो गई है कि कई प्रमुख रास्तों पर यातायात बाधित हो रहा है. रानीबाजार, जैन मंदिर, रायगंज और तपस्वी छावनी मार्ग पर दिनभर जाम लग रहा है. वहीं, जगह-जगह बैरिकेडिंग से श्रद्धालु भी परेशान हो रहे हैं.
श्रद्धालुओं के लिए नए मार्ग निर्धारित
अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को अब बाईपास से पैदल फटिक शिला आश्रम की ओर भेजा जा रहा है. वहां से श्रद्धालु चौधरी चरण सिंह और संत तुलसीदास घाट होते हुए लता चौक पहुंच रहे हैं. इसी तरह, टेढ़ीबाजार से पैदल श्रद्धालुओं को दुराही कुआं भेजा जा रहा है, जबकि श्वेतांबर जैन मंदिर के पास बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें राजघाट की ओर मोड़ा जा रहा है.
श्रद्धालुओं को करनी पड़ रही है लंबी पैदल यात्रा
प्रशासन द्वारा लगाए गए सुरक्षा इंतजामों के कारण श्रद्धालुओं को सरयू घाट से राममंदिर और हनुमानगढ़ी पहुंचने के लिए पांच से आठ किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है. भक्तजन गलियों में रास्ता खोजते हुए मंदिर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे कई स्थानों पर अव्यवस्था भी देखने को मिल रही है.
राममंदिर में सुबह तीन बजे से लगी श्रद्धालुओं की कतार
राममंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह तीन बजे से ही लगने लगी. एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे के अनुसार, हर दिन करीब तीन लाख से अधिक श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. मंदिर के कपाट सुबह पांच बजे खुले और रात 11 बजे तक दर्शन होते रहे. रात 10 बजे के बाद शयन आरती के लिए प्रवेश बंद कर दिया गया था. सुरक्षा की दृष्टि से परिसर की 24 घंटे सीसीटीवी और वॉच टॉवर से निगरानी की जा रही है, जबकि एसपीजी, सीआरपीएफ, एसएसबी और पीएसी के तीन हजार से अधिक जवान तैनात किए गए हैं.
श्रद्धालुओं से 20 दिन बाद अयोध्या आने की अपील
रामनगरी में श्रद्धालुओं का प्रवाह लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे प्रशासन के लिए भीड़ नियंत्रण करना चुनौतीपूर्ण हो गया है. संकट मोचन सेना और हनुमानगढ़ी अखाड़े के नागा-साधुओं ने अपील की है कि फिलहाल अयोध्या की यात्रा स्थगित कर दें और लगभग 20 दिन बाद आएं, ताकि सुगमता पूर्वक दर्शन कर सकें. मंदिर में श्रद्धालुओं की क्षमता से अधिक भीड़ उमड़ने से दर्शन करने में कठिनाई हो रही है.
अयोध्यावासियों की मुश्किलें, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
रामपथ पर स्थानीय निवासियों, स्कूली वाहनों और मरीजों के वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है. इस स्थिति से परेशान अयोध्या नागरिक मंच ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर हालात की जानकारी दी है. नागरिक मंच के पदाधिकारियों के अनुसार, रामनगरी में अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई है. स्थानीय लोग अपने ही घरों में कैद महसूस कर रहे हैं, और बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है.
माघ पूर्णिमा को देखते हुए 11 से 14 फरवरी तक स्कूल बंद
अयोध्या में बढ़ती भीड़ को देखते हुए जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने 11 से 14 फरवरी तक प्री-प्राइमरी से 12वीं तक के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. यह आदेश नगर निगम अयोध्या के अयोध्या धाम परिक्षेत्र में स्थित सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा. हालांकि बोर्ड परीक्षा की प्रयोगात्मक परीक्षाएं पूर्व निर्धारित समय पर ही आयोजित की जाएंगी.
सीएम योगी ने दिए ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था के कड़े निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ मार्ग पर यातायात सुचारू रखने और पार्किंग स्थलों के सही उपयोग के निर्देश दिए हैं. उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को आदेश दिया कि किसी भी हाल में सड़कों पर जाम नहीं लगना चाहिए. प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, चित्रकूट और मीरजापुर में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, इसलिए ट्रैफिक और भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
टोल पर जाम नहीं लगने देने के निर्देश
सीएम योगी ने यह भी स्पष्ट किया कि टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतार नहीं लगनी चाहिए. रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ की स्वच्छता व्यवस्था को भी प्राथमिकता दी जाए और नदी किनारे व मेला परिसर की सफाई लगातार होती रहे.
अनावश्यक भीड़ को रोका जाएगा, अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं को सुचारू रूप से उनके गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रशासन की है. मेला क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ नहीं होनी चाहिए. स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवस्थित रूप से निर्धारित स्थानों पर ही रखा जाए. साथ ही, सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से गलत सूचना फैलाने वाले अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं.