Indian Railway Fare: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में लोकसभा में जानकारी दी कि भारतीय रेलवे के किराये अन्य पड़ोसी देशों की तुलना में काफी कम हैं. उदाहरण के तौर पर, 350 किलोमीटर की यात्रा भारत में मात्र 121 रुपये में संभव है जबकि पाकिस्तान में इसकी लागत 436 रुपये है. यह तुलना न केवल पड़ोसी देशों से, बल्कि यूरोप से भी की गई जहाँ यात्रा की लागत कई गुना अधिक है.
नौकरियों में बढ़ोतरी और राजनीतिक तंज
रेल मंत्री ने नौकरियों के सृजन (job creation) के मामले में भी अपने पूर्ववर्ती UPA सरकार की तुलना में वर्तमान सरकार के प्रयासों की सराहना की. पिछले 10 वर्षों में रेलवे ने 5 लाख नौकरियां सृजित की हैं और वर्तमान में 1 लाख और नौकरियों पर भर्ती जारी है. यह उपलब्धि पिछली सरकार के दौरान की गई 4 लाख भर्तियों से कहीं अधिक है.
सुरक्षा में सुधार और आधुनिकीकरण
रेलवे ने सुरक्षा (safety in railways) में उल्लेखनीय सुधार किया है. पिछले 20 वर्षों में रेलवे हादसों में 90% की कमी आई है. इस सफलता का श्रेय अधिक निवेश, आधुनिक तकनीकों के उपयोग और सुरक्षा पर केंद्रित नीतियों को दिया जा सकता है. इसके अलावा, त्योहारों और विशेष अवसरों पर अतिरिक्त ट्रेनें चलाने और भीड़ प्रबंधन में सुधार से यात्री संतुष्टि में वृद्धि हुई है.
माल ढुलाई में अग्रणी और आर्थिक विकास
रेलवे की माल ढुलाई क्षमता (freight capacity) में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. भारत विश्व के शीर्ष तीन देशों में शामिल हो गया है जहाँ रेलवे के माध्यम से सबसे अधिक माल ढुलाई होती है. इस वर्ष के अंत तक 1.6 बिलियन टन माल ढोने का अनुमान है, जो न केवल रेलवे के लिए, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी बड़ी सफलता है.