चेक बाउन्स होने पर कितने साल की है सजा, जाने पैसे चुकाने के लिए कितना मिलता है टाइम Bank Cheque Bounce Rules

Shiv Shankar
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Bank Cheque Bounce Rules: आज के डिजिटल युग में जहां ऑनलाइन लेनदेन ने आर्थिक व्यवहारों को सरल बना दिया है, वहीं चेक का उपयोग भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। चेक के माध्यम से लेनदेन करना न केवल आर्थिक रिकॉर्ड को सुरक्षित रखता है, बल्कि यह आर्थिक अनुशासन को भी प्रोत्साहित करता है। हालांकि चेक के उपयोग में जरा सी भी लापरवाही आपको कानूनी पचड़ों में डाल सकती है, खासकर जब बात चेक बाउंस की आती है।

चेक बाउंस के परिणाम कानूनी सावधानियां और दिशानिर्देश

चेक बाउंस होने का मुख्य कारण खाते में पर्याप्त धनराशि का अभाव होता है। इसके अलावा, गलत हस्ताक्षर, अमान्य तिथियां, या अस्पष्ट लेखन भी चेक बाउंस की स्थितियाँ उत्पन्न कर सकते हैं। ऐसे में, चेक बाउंस होने पर भारतीय दंड संहिता के तहत न केवल आर्थिक जुर्माना लगाया जा सकता है, बल्कि यह एक गैर-जमानती अपराध भी माना जाता है जिसके लिए दो वर्ष तक की सजा हो सकती है।

चेक बाउंस की स्थिति में क्या करें ?

  1. नोटिस जारी करना: जब चेक बाउंस होता है, तो चेक प्राप्तकर्ता को चेक जारीकर्ता को नोटिस भेजना चाहिए, जिसमें 15 दिनों के भीतर देय राशि का भुगतान करने का अनुरोध किया जाता है।
  2. कानूनी कार्रवाई: अगर चेक जारीकर्ता 15 दिनों के भीतर राशि चुकता नहीं करता है, तो चेक प्राप्तकर्ता को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई का अधिकार है। इस एक्ट के अंतर्गत न्यायालय चेक जारीकर्ता के खिलाफ आर्थिक जुर्माने या कारावास का आदेश दे सकता है।

चेक बाउंस की रोकथाम सर्वोत्तम प्रथाएं

  1. खाते में पर्याप्त धन सुनिश्चित करें: चेक जारी करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके खाते में पर्याप्त धन है।
  2. चेक की जानकारी की सटीकता: चेक पर तारीख, राशि और प्राप्तकर्ता का नाम स्पष्ट रूप से और सही तरीके से लिखें।
  3. नियमित अकाउंट मॉनिटरिंग: अपने बैंक खाते की नियमित निगरानी करें और सभी चेक ट्रांजेक्शन्स की जानकारी रखें।

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