Income Tax Rule: डिजिटल भुगतान की बढ़ती सुविधा और सुरक्षा के कारण आजकल लोगों द्वारा घर में नकदी रखने की आदत में कमी आई है. इसके बावजूद नकदी रखने की सीमा को लेकर अक्सर उलझनें बनी रहती हैं खासकर जब किसी बड़े पद के व्यक्ति के घर से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की जाती है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि एक आम नागरिक अपने घर में कितनी नकदी रख सकता है और इसके लिए क्या कानूनी दिशा-निर्देश हैं.
नकदी रखने की सीमा
भारतीय आयकर कानून के तहत घर में नकदी रखने की कोई स्पष्ट सीमा निर्धारित नहीं की गई है. नागरिक कितनी भी नकदी घर में रख सकते हैं, बशर्ते यह नकदी कानूनी रूप से अर्जित की गई हो और इसका स्रोत स्पष्ट हो. आयकर विभाग का मानना है कि जब तक आपके पास अपनी नकदी के स्रोत का वैध प्रमाण है, तब तक आपको नकदी रखने में कोई कानूनी बाधा नहीं है.
काले धन पर नियंत्रण
हालांकि, अगर नकदी का स्रोत संदिग्ध है या अवैध है, तो इसे काले धन के रूप में माना जाता है और इस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इसमें भारी जुर्माना और यहां तक कि कारावास की सजा भी शामिल है.
टैक्स एक्सपर्ट की राय
टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक नकदी का स्रोत वैध है और आयकर रिटर्न में दिखाया गया है, तब तक घर में नकदी रखने में कोई हर्ज नहीं है. वे यह भी सलाह देते हैं कि नकदी के संग्रहण की जानकारी अपने लेखा-जोखा में ठीक से रखें, ताकि आयकर विभाग के किसी भी सवाल का समाधान किया जा सके.
कैश लेनदेन की सीमा
भारतीय कानूनों के अनुसार, ₹2 लाख से अधिक की नकद लेनदेन पर प्रतिबंध है. इससे अधिक की राशि का लेन-देन करने पर भारी जुर्माना लग सकता है. इस प्रावधान का मुख्य उद्देश्य बड़ी मात्रा में नकदी के अवैध प्रवाह को रोकना है.
आधुनिक भारत में नकदी संचय के चलन में भले ही कमी आई हो, लेकिन नागरिकों को अपने वित्तीय लेनदेन को कानूनी रूप से सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए. इससे न केवल वित्तीय सुरक्षा मिलेगी, बल्कि किसी भी कानूनी जटिलता से बचा जा सकेगा.