Liquor Bottle Tax: जब आप दुकान से शराब की बोतल खरीदते हैं तो इसकी कीमत में कई तरह के कर शामिल होते हैं. भारत में, शराब पर जीएसटी नहीं लगता बल्कि इस पर राज्यवार विशेष कर जैसे कि एक्साइस ड्यूटी और वैट लगाया जाता है. इन करों की दरें राज्य के अनुसार अलग होती हैं जिससे शराब की कीमत में काफी अंतर आ सकता है.
राज्यवार टैक्स कीमतों की जानकारी
हर राज्य में शराब पर लगने वाले टैक्स की दरें अलग-अलग होती हैं. यह अंतर राज्य की नीतियों और शराब की बोतल की कीमतों में भी परिलक्षित होता है. आम तौर पर, एक बोतल पर टैक्स की दर 30 से 35 प्रतिशत के बीच होती है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा सरकार के पास जाता है.
टैक्स के बाद दुकानदार की कमाई
दो हजार रुपये की शराब की बोतल पर जब 30 से 35 प्रतिशत तक टैक्स लगाया जाता है, तो सरकार की ओर से एक बड़ी राशि वसूल की जाती है. इसके बाद, शेष राशि में से ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा (transportation costs) निकालने के बाद जो बचता है, वह दुकानदार की कमाई होती है. यह राशि अक्सर बोतल की कीमत का केवल एक छोटा हिस्सा होता है.
विदेशी बनाम देसी शराब पर टैक्स की दरें
भारत में विदेशी और देसी शराब पर लगने वाले टैक्स की दरें भी भिन्न होती हैं. विदेशी शराब पर अक्सर अधिक कर लगाया जाता है जबकि देसी शराब पर कम (tax differentiation on alcohol types). यह नीति राज्य की आर्थिक रणनीति और व्यापारिक संरक्षणवाद को प्रतिबिंबित करती है.