Indian Railway: भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे बड़ी रेल नेटवर्क में से एक है. प्रतिदिन करीब 13,000 ट्रेनों का संचालन किया जाता है. जो लाखों यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम करती हैं.
रेलवे लाइनों की कुल लंबाई
भारत में रेलवे लाइनों की कुल लंबाई 1,26,366 किलोमीटर है. इसमें मुख्य रेल मार्ग, शाखा रेल मार्ग और मालगाड़ी के लिए अलग-अलग ट्रैक शामिल हैं. यह रेलवे नेटवर्क भारत के सभी प्रमुख राज्यों और शहरों को आपस में जोड़ता है.
रनिंग ट्रैक की लंबाई
ट्रेनों के सुचारू संचालन के लिए रनिंग ट्रैक की लंबाई 99,235 किलोमीटर है. रनिंग ट्रैक की सही देखभाल से ट्रेनों की गति, सुरक्षा और समय पर परिचालन सुनिश्चित किया जाता है.
देशभर में रेलवे स्टेशनों की संख्या
भारत में रेलवे स्टेशनों की कुल संख्या 8,800 से अधिक है. ये स्टेशन छोटे कस्बों से लेकर बड़े महानगरों तक फैले हुए हैं. इन स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क
उत्तर प्रदेश में भारतीय रेलवे नेटवर्क की कुल लंबाई 9,077.45 किलोमीटर है. यह देश के किसी भी राज्य की तुलना में सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. उत्तर प्रदेश की रेलवे व्यवस्था भारत के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
रेलवे लाइन बिछाने की लागत
भारतीय रेलवे लाइन बिछाने में करोड़ों रुपये खर्च करता है. मैदानी इलाकों में 1 किलोमीटर रेल ट्रैक बिछाने में करीब 10 से 12 करोड़ रुपये का खर्च आता है. यह लागत ट्रैक की गुणवत्ता, भूमि अधिग्रहण और अन्य कारकों पर निर्भर करती है.
पहाड़ी क्षेत्रों में रेलवे ट्रैक बिछाने की लागत अधिक
पहाड़ी इलाकों में रेलवे ट्रैक बिछाने की लागत मैदानी इलाकों की तुलना में अधिक होती है. दुर्गम स्थानों, पुलों और सुरंगों के निर्माण के कारण यह लागत बढ़ जाती है. इन क्षेत्रों में ट्रैक बिछाने में औसतन 20 से 30 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर का खर्च आ सकता है.
हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का खर्च
हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए एक किलोमीटर लंबी पटरी बिछाने पर लगभग 100 से 140 करोड़ रुपये का खर्च आता है. बुलेट ट्रेन और अन्य हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए अत्याधुनिक तकनीक और संरचना की आवश्यकता होती है, जिससे यह लागत सामान्य ट्रैक की तुलना में कई गुना अधिक होती है.