Murrah Buffalo: भारत अपनी कृषि और पशुपालन की प्रगति के लिए जाना जाता है. यहाँ की अधिकांश आबादी कृषि कार्यों और पशुपालन में इककठे है जिसमें विभिन्न प्रकार की गाय और भैंस की नस्लें शामिल हैं. इनमें से मुर्रा भैंस विशेष रूप से जानी जाती है जो अपनी ज्यादा दूध उत्पादकता के लिए जानी जाती है.
मुर्रा भैंस का दूध उत्पादन
मुर्रा भैंस, जिसे अक्सर ‘काला सोना’ (Black Gold) भी कहा जाता है एक दिन में 15 से 20 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है. इसके दूध में उच्च मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम और फॉस्फोरस (Protein, Calcium, and Phosphorus in milk) पाया जाता है जो इसे न केवल पोषण का खास स्रोत बनाता है बल्कि डेयरी उत्पादों के लिए भी अत्यंत मूल्यवान बनाता है.
मुर्रा भैंस का महत्व और चुनौतियाँ
जहाँ एक ओर मुर्रा भैंस की उच्च दूध उत्पादन क्षमता इसे विशेष बनाती है, वहीं बाजार में दूध के बढ़ते दाम और पशुपालन में बढ़ती लागत ने किसानों के समक्ष कई चुनौतियाँ पेश की हैं. खाद्य और चारा की बढ़ती कीमतों के बीच मुर्रा भैंस पालन करना आर्थिक रूप से दबावपूर्ण हो गया है.
सरकारी पहल और नीतियाँ
इस चुनौती का सामना करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न पहलें की जा रही हैं जैसे सब्सिडीयुक्त चारा और खाद्य सामग्री, पशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, और पशुपालकों के लिए वित्तीय सहायता योजनाएं. ये सभी कदम मुर्रा भैंस पालन को सहयोग और संरक्षण के लिए उठाए गए हैं.