Govt rules for Gold: भारत में खजाने की खोज और खुदाई को लेकर सख्त कानून हैं। खजाने की खोज और खुदाई का अधिकार केवल भारतीय पुरातत्व विभाग के पास है। यह विभाग ही ऐसी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अधिकृत है, जिससे कि पुरातत्व महत्व की चीजों की सही सुरक्षा और देखरेख हो सके। इसका मतलब यह है कि यदि आपको अपनी जमीन में कोई पुरानी वस्तु या खजाना मिलता है, तो आप उसे निजी तौर पर नहीं रख सकते।
फिल्मों की कहानियां बनाम वास्तविकता
हमने अक्सर फिल्मों में देखा है कि कैसे मुख्य पात्र को अचानक से जमीन में दबा खजाना मिल जाता है और वह रातोंरात धनवान बन जाता है। हालांकि, वास्तविक जीवन में, ऐसा होना न केवल दुर्लभ है बल्कि गैरकानूनी भी है। अगर आपको अपनी जमीन में कुछ मिलता है, तो उसकी सूचना तुरंत प्राधिकरणों को देनी होगी।
खजाने पर सरकार का पहला हक
कानून के अनुसार, अगर आपकी जमीन से कोई खजाना मिलता है, तो उस पर पहला हक सरकार का होता है। 1960 के खजाना अधिनियम के तहत, किसी भी खजाने की खोज को पहले पुरातत्व विभाग को सूचित करना होता है। यदि उस खजाने की कोई पुरातत्वीय महत्वता होती है, तो उसे सरकारी संरक्षण में ले लिया जाता है।
दफीना अधिनियम 1971 के तहत कानूनी प्रक्रिया
दफीना अधिनियम 1971 के अनुसार, अगर आपको कोई खजाना मिलता है, तो आपको इसकी सूचना स्थानीय प्राधिकरण या पुलिस को देनी होती है। इसके बाद, खजाना सरकारी नियंत्रण में चला जाता है और इसकी उचित जांच पड़ताल की जाती है।
गलत जानकारी देने पर कड़ी सजा
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर खजाने की खोज की गलत जानकारी देता है या उसे छिपाने की कोशिश करता है, तो उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाती है। ऐसे में उसे जुर्माना और कठोर सजा हो सकती है।