Train Ticket Booking Rules: ट्रेन से यात्रा करने के लिए टिकट एक जरूरी दस्तावेज है. भारतीय रेलवे के विभिन्न माध्यमों जैसे कि टिकट काउंटर, मोबाइल ऐप्स, और IRCTC की वेबसाइट के अलावा, थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म जैसे Paytm और PhonePe जैसे डिजिटल गेटवे भी टिकट खरीदने का आधुनिक साधन हैं.
ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट बुकिंग की सुविधाएँ
ऑनलाइन टिकट खरीदने पर टिकट की जानकारी सीधे आपके मोबाइल या ईमेल पर पहुंच जाती है. यह विधि त्वरित और सुविधाजनक है, विशेषकर तब जब यात्रा की योजना अंतिम समय में बनाई गई हो. ऑफलाइन में भी, नवीनतम तकनीकों के कारण अब टिकट की जानकारी मोबाइल पर मिल जाती है.
खोए हुए काउंटर टिकट का समाधान
काउंटर से खरीदे गए टिकट के खो जाने पर यात्री के लिए चिंता का विषय हो सकती है, खासकर यात्रा से एक दिन पहले. ऐसी स्थिति में रेलवे का नियम यात्रियों को डुप्लीकेट टिकट बनवाने की अनुमति देता है. इसके लिए यात्री को निकटतम बुकिंग काउंटर पर जाकर अपना PNR नंबर और अन्य यात्रा विवरण प्रदान करना पड़ता है.
डुप्लीकेट टिकट के लिए आवश्यक शुल्क
डुप्लीकेट टिकट बनवाने के लिए यात्रियों को एक निर्धारित शुल्क देना पड़ता है. यदि खोया हुआ टिकट कन्फर्म था, तो इसके लिए 25% की दर से शुल्क लगता है, और यदि टिकट RAC या वेटिंग लिस्ट में था, तो इसके लिए 10% शुल्क लगता है. अगर यात्रा से पहले मूल टिकट मिल जाता है, तो कुछ शुल्क वापस भी किया जा सकता है.
ट्रेन में टिकट खोने पर क्या करें?
अगर आप ट्रेन में हैं और आपका टिकट खो गया है, तो आपको तुरंत TTE से संपर्क करना चाहिए. यदि आपके पास PNR नंबर या टिकट की ऑनलाइन बुकिंग का प्रमाण है, तो TTE इसे सत्यापित कर सकते हैं. अगर कोई प्रमाण नहीं है, तो TTE दोबारा किराया और पेनल्टी लगा सकते हैं.