Traffic Challan Pay Rule: भारत सरकार ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना न भरने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़े उपायों पर विचार कर रही है. जिन वाहन चालकों ने तीन महीने के अंदर अपने ई-चालान का भुगतान नहीं किया है उनके ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किए जा सकते हैं. इसके अलावा, जिन व्यक्तियों ने एक वित्तीय वर्ष में तीन चालान जमा कर दिए हैं, उन्हें भी कम से कम तीन महीने के लिए ड्राइविंग प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है.
चालान भरने में देरी से इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी
सरकार ने यह भी पाया है कि ई-चालान की वसूली मात्र 40% ही हो पा रही है, जिससे बड़े पैमाने पर गैर-अनुपालन की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने हाई इंश्योरेंस प्रीमियम वसूली की रणनीति भी तैयार की है. यदि किसी व्यक्ति के पास पिछले वित्तीय वर्ष से दो या अधिक लंबित चालान हैं, तो उसे अपने वाहन इंश्योरेंस के लिए अधिक प्रीमियम देना पड़ सकता है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार
सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के अनुसार, सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम के अनुपालन में सुधार के लिए इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली की स्थापना करने की आवश्यकता है. इसमें स्पीड कैमरा, सीसीटीवी, स्पीड-गन, बॉडीवॉर्न कैमरे और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम शामिल हैं, जो ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाने में मदद करेंगे.
विभिन्न राज्यों में जुर्माना वसूली की स्थिति
दिल्ली में जुर्माना वसूली की दर सबसे कम है, मात्र 14%. इसके बाद कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और ओडिशा का स्थान आता है, जबकि राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा में अपेक्षाकृत उच्च वसूली दर देखी गई है.
क्यों नहीं भरे जा रहे हैं चालान
सरकारी सूत्रों के अनुसार, चालान का देरी से भुगतान और दोषपूर्ण चालान मुख्य कारण हैं कि लोग जुर्माने का भुगतान नहीं कर पाते हैं. सरकार इस समस्या का समाधान करने के लिए कैमरों के लिए न्यूनतम स्पेशिफिकेशन और लंबित चालानों की नियमित जानकारी देने की योजना बना रही है, ताकि वाहन मालिक और ड्राइवर इसके प्रति जागरूक रहें. यह नयी पहल न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देगी बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि ट्रैफिक नियमों का अनुपालन और भी कड़ाई से हो.