Income Tax Rule: आर्थिक लेन-देन करते समय सावधानी बरतना जरूरी है खासकर जब यह लेन-देन आपको आयकर विभाग के नजरों में ला सकता है. आज हम आपको करेंगे उन 6 ट्रांजेक्शन के बारे में जो अगर सावधानीपूर्वक न किए जाएं, तो आपको आयकर विभाग से नोटिस प्राप्त हो सकता है.
- फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश
यदि आप एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करते हैं, तो इससे आप इनकम टैक्स के दायरे में आ सकते हैं. यह नियम उन सभी डिपॉजिट्स पर लागू होता है, चाहे वो एकमुश्त हो या विभिन्न ट्रांजेक्शन में किया गया हो.
- बैंक खाते में नकद जमा
सीबीडीटी के अनुसार, अगर आप किसी भी को-ऑपरेटिव बैंक में एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या इससे अधिक की राशि नकद में जमा करते हैं, तो बैंक को यह जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है.
- प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन
30 लाख रुपये या उससे अधिक रकम का प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन आयकर विभाग की जानकारी में लाना अनिवार्य है. प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को ऐसे ट्रांजेक्शन की डिटेल विभाग को सौंपनी होती है.
- शेयर और म्यूचुअल फंड खरीद
यदि आप एक वित्तीय वर्ष में शेयर या म्यूचुअल फंड्स में 10 लाख रुपये से अधिक निवेश करते हैं, तो इस बारे में जानकारी देनी अनिवार्य है. इस ट्रांजेक्शन की डिटेल सीधे आयकर विभाग को प्रदान की जाती है.
- क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान
यदि आपका क्रेडिट कार्ड बिल 1 लाख रुपये से अधिक है और आप इसे नकद में चुकाते हैं, तो यह आयकर विभाग के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है. इसके अलावा, अगर आप वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक क्रेडिट कार्ड बिल का नकद भुगतान करते हैं, तो आयकर विभाग से नोटिस प्राप्त हो सकता है.
इन ट्रांजेक्शनों के माध्यम से हम देख सकते हैं कि आयकर विभाग किस प्रकार बड़े वित्तीय लेनदेन पर नजर रखता है. इसलिए, इस तरह के ट्रांजेक्शन करते समय सावधानी बरतना और सभी नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है.