Alcohol Price Hiked: राजस्थान में गर्मी के बढ़ते पारे के साथ-साथ बीयर और शराब की मांग में भी इजाफा हुआ है. हालांकि, इस बढ़ती मांग के साथ सरकार द्वारा बीयर और शराब की कीमतों में की गई वृद्धि ने उपभोक्ताओं को परेशानी में डाल दिया है. इस वर्ष, बीयर की कीमतों में 15 रुपए और शराब की बोतलों पर 20 से 200 रुपए तक का इजाफा किया गया है, जिससे कीमतें बढ़कर 175 रुपए से लेकर 1035 रुपए तक पहुँच गई हैं.
कीमत बढ़ोतरी के पीछे की वजहें
सरकार द्वारा की गई इस कीमत वृद्धि का मुख्य कारण राजस्व वृद्धि को बताया जा रहा है. हालांकि, इससे उपजी समस्याएं भी कम नहीं हैं. राजस्थान वाइन यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष, पंकज धनखड़ के अनुसार, पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब में शराब सस्ती होने के कारण तस्करी के मामले बढ़ सकते हैं. इससे न सिर्फ पुलिस-प्रशासन पर दबाव बढ़ेगा बल्कि अपराध की दर में भी वृद्धि हो सकती है.
ठेकेदारों की नाराजगी और कमीशन में कटौती
शराब ठेकेदारों ने सरकार पर कमीशन बढ़ाने की मांग को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. इसके बजाय, सरकार ने उनके कमीशन को 24% से घटाकर 14% कर दिया है. इस कटौती को शराब ठेकेदारों ने अपने व्यवसाय पर एक बड़ा आघात बताया है.
पुराने स्टॉक पर नए दामों का विवाद
नई कीमतों की घोषणा के साथ ही दुकानदारों ने पुराने स्टॉक की बोतलों पर भी नए दाम लगाना शुरू कर दिया है. इससे उपभोक्ताओं और सेल्समैन के बीच कई जगहों पर झगड़े और बहस हो रही है. यह स्थिति बाजार में तनाव और हंगामे का कारण बन रही है.
शराब नीति का भविष्य
जहां एक ओर सरकार इस नीति को राजस्व वृद्धि का एक जरिया मान रही है, वहीं विशेषज्ञों और व्यापारियों का मानना है कि इससे तस्करी और अपराध में वृद्धि होगी. अब यह देखना होगा कि यह नीति राज्य के लिए कितनी लाभकारी सिद्ध होती है और क्या यह वास्तव में राजस्व में वृद्धि कर पाएगी या नहीं.