कम खर्चे में ज्यादा मुनाफा कमा सकते है पशुपालक, इस नस्ल की गाय का दूध बेचकर हो जाएंगे मालामाल Cow Farming

Cow Farming: जब बात डेयरी व्यवसाय में कम लागत की आती है, तो थारपारकर गाय सबसे उत्तम मानी जाती है. यह विशेष नस्ल भारत के कर्नाटक राज्य से आती है और इसे अपने उच्च दूध उत्पादन और सहनशीलता के लिए पहचाना जाता है. इस नस्ल की गायें कम रख-रखाव में भी अच्छा प्रदर्शन करती हैं जिससे ये छोटे और मध्यम पैमाने के डेयरी किसानों के लिए एक बढ़िया गाय हैं.

थारपारकर गाय का रहन सहन

थारपारकर गाय गर्म और शुष्क जलवायु (climate tolerance [heat resistance]) में आसानी से अनुकूलन कर लेती है, और साथ ही, इन पर अत्यधिक सर्दी का भी कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता. इसकी अनुकूलन क्षमता इसे विभिन्न प्रकार के भौगोलिक क्षेत्रों में पालन के लिए उपयुक्त बनाती है.

थारपारकर गाय का ज्यादा दूध उत्पादन

एक थारपारकर गाय एक दिन में लगभग 10 से 15 लीटर दूध दे सकती है (milk production [daily milk yield]). इस नस्ल की गायें अपने जीवनकाल में कई बार बच्चे देने के साथ-साथ एक ब्यांत में औसतन 1400 से 1600 लीटर तक दूध दे सकती हैं. यह उन्हें डेयरी उद्यमियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी बनाता है.

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थारपारकर गाय की प्रजनन क्षमता

थारपारकर गाय की प्रजनन क्षमता (breeding capability [high fertility rate]) भी उल्लेखनीय होती है. यह नस्ल अपने जीवनकाल में लगभग 15 बार बच्चे देती है जो कि डेयरी व्यवसाय में निवेश पर ज्यादा रिटर्न सुनिश्चित करती है. इसकी उच्च प्रजनन दर और लंबी उत्पादक जीवन अवधि इसे और भी आकर्षक बनाती है.

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