Middle Class Income Tax: आने वाली 1 अप्रैल से नया वित्तीय साल शुरू होने जा रहा है, जिसमें कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की गई है जो मध्यम वर्ग के लिए लाभकारी साबित होंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्त वर्ष के बजट प्रस्ताव में इनकम टैक्स से संबंधित नई योजनाएं पेश की गई हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य मध्यम वर्ग को आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
इनकम टैक्स में बड़ी छूट
नए वित्तीय वर्ष में, वित्त मंत्री ने एक बड़ी घोषणा की है जिसके अनुसार 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को पूरी तरह से इनकम टैक्स से छूट दी जाएगी. यह छूट उन टैक्सपेयर्स के लिए लागू होगी जो नए कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं. इसके अलावा, 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड कटौती के साथ, 12.75 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
लाभार्थियों की संख्या
इस नई योजना के तहत, एक करोड़ से अधिक लोगों को कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा. वित्त मंत्री के मुताबिक, टैक्स स्लैब में किए गए बदलाव से लगभग 6.3 करोड़ लोग, जो कि कुल टैक्सपेयर्स का 80 प्रतिशत से अधिक है, लाभान्वित होंगे. यह बदलाव मध्यम वर्ग के लिए काफी राहत भरा साबित होगा.
नए इनकम टैक्स स्लैब की जानकारी
नई कर व्यवस्था के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की वार्षिक आय 12 लाख रुपये से अधिक है तो उसे विभिन्न स्तरों पर निम्नलिखित कर दरों का भुगतान करना होगा:
- ₹0 – ₹4 लाख: कोई कर नहीं
- ₹4 लाख – ₹8 लाख: 5%
- ₹8 लाख – ₹12 लाख: 10%
- ₹12 लाख – ₹16 लाख: 15%
- ₹16 लाख – ₹20 लाख: 20%
- ₹20 लाख – ₹24 लाख: 25%
- ₹24 लाख से अधिक: 30%
अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं
इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर छूट की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है. इस बदलाव से वरिष्ठ नागरिकों को अपनी बचत पर अधिक लाभ मिलेगा.
ये बदलाव न केवल मध्यम वर्ग के लिए, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए राहत और बचत का सबब बनेंगे. इन नई नीतियों का उद्देश्य आर्थिक बढ़ोतरी को सुनिश्चित करना और व्यक्तियों को अधिक आर्थिक स्वतंत्रता देना है.