Milk Price Hike: कर्नाटक के निवासियों को आने वाले दिनों में बजट की नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि राज्य में दूध की कीमतें एक अप्रैल से चार रुपये प्रति लीटर बढ़ने जा रही हैं. यह घोषणा राज्य के सहकारी मंत्री के. एन. राजन्ना ने की, जिन्होंने कहा कि यह बढ़ोतरी दूध संघों और किसानों के दबाव के चलते की गई है.
दूध की कीमत में बढ़ोतरी का कारण
राज्य में दूध की कीमत बढ़ाने का निर्णय दूग्ध महासंघ ने लिया है. मंत्री ने बताया कि दूध महासंघ द्वारा पांच रुपये प्रति लीटर की मांग की गई थी, जिस पर सरकार ने विचार करते हुए चार रुपये की वृद्धि स्वीकार की है. इस बढ़ोतरी का पूरा लाभ किसानों को मिलने की बात कही गई है.
दूध की कीमत बढ़ोतरी के पीछे का कारण
इस कीमत वृद्धि को बस और मेट्रो के किराये तथा बिजली दरों में हाल ही में की गई वृद्धि के संदर्भ में देखा जा रहा है. कर्नाटक दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष भीमा नाइक के अनुसार, कर्नाटक में दूध की कीमतें देश के अन्य हिस्सों की तुलना में कम थीं, जिससे दूध उत्पादक किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था.
दूध उत्पादकों पर असर और समर्थन
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन द्वारा इस बढ़ोतरी का समर्थन किया जा रहा है क्योंकि यह वृद्धि सीधे तौर पर दूध उत्पादक किसानों की आय में इजाफा करेगी. इससे उन्हें उत्पादन लागत को पूरा करने में मदद मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी.
उपभोक्ताओं पर प्रभाव और सामाजिक प्रतिक्रिया
कीमत में बढ़ोतरी का सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जिन्हें अब अपने दैनिक बजट में संशोधन करना पड़ सकता है. सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर इस वृद्धि को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं, जहां कुछ लोग इसे किसानों के हित में उठाया गया कदम मान रहे हैं तो कुछ इसे उपभोक्ता पर बोझ के रूप में देख रहे हैं.