Haryana CMO Bharti: हरियाणा की राजनीति में इन दिनों एक नई हलचल महसूस की जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने ही चीफ मिनिस्टर ऑफिस (सीएमओ) के कुछ अधिकारियों की कार्यप्रणाली से नाराज चल रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह नाराजगी कुछ विवादों और फीडबैक में कमी के कारण उत्पन्न हुई है।
विवादों से बचने के लिए मॉनिटरिंग बढ़ी
मुख्यमंत्री ने अपनी निजी टीम के साथ मिलकर मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को और अधिक सख्त कर दिया है। इसके अलावा, उन्होंने अपने विश्वसनीय सूत्रों से फीडबैक लेना भी शुरू कर दिया है ताकि उन्हें सही स्थिति की जानकारी मिल सके। इस कदम से हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी में एक उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है।
संभावित बदलावों की आहट
सीएमओ में विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही कुछ नए अधिकारी नियुक्त किए जा सकते हैं और कुछ पुराने मंत्रियों तथा नेताओं को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। इससे सरकारी कार्यों में नई ऊर्जा और प्रभाव आने की उम्मीद है।
चंडीगढ़ से दिल्ली तक चल रहे सरकारी मामले
यह खबर भी सामने आ रही है कि इस संबंध में चंडीगढ़ से दिल्ली तक भारी लॉबिंग(सरकारी मामले) हो रही है। वर्तमान में सीएमओ में कार्यरत अधिकारियों में से 12 अधिकारी पहले के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ भी काम कर चुके हैं जबकि 8 अधिकारी सीएम सैनी के साथ जुड़े हैं। इस बदलाव के संभावित प्रभाव से पूरे राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचे में परिवर्तन आ सकता है।
भविष्य के लिए तैयारियां
हरियाणा सरकार के इस कदम को एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिससे न केवल प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा, बल्कि जनता की समस्याओं का निवारण भी और अधिक कुशलता से किया जा सकेगा। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि प्रशासनिक अमले में योग्य और प्रभावी लोगों की नियुक्ति हो, जिससे हरियाणा की जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें।