Rajasthan-Haryana Highway: हरियाणा और राजस्थान के लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। दोनों राज्यों को जोड़ने वाली एक नई फोरलेन सड़क परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है। गुरुग्राम-अलवर नेशनल हाईवे (NH-248A) का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने जा रहा है। यह हाईवे दोनों राज्यों के बीच 57 किलोमीटर की दूरी को तय करने में मदद करेगा और खास बात यह है कि इसके रास्ते में आने वाले लगभग 50 गांवों को भी इसका स्पष्ट लाभ मिलेगा।
480 करोड़ रुपये की स्वीकृति चार महीने में होगा काम शुरू
गुरुवार को नूंह जिले के उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने जानकारी दी कि इस हाईवे परियोजना पर कुल 555 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें से 480 करोड़ की स्वीकृति केंद्र सरकार से मिल चुकी है। सभी प्रशासनिक बाधाएं हट चुकी हैं और तकनीकी समस्याओं का समाधान हो चुका है। अब निर्माण कार्य अगले चार से पांच महीनों में शुरू हो जाएगा।
2026 तक पूरी तरह बनकर तैयार होगा हाईवे
इस नेशनल हाईवे का निर्माण अगस्त या सितंबर 2025 से शुरू होने की उम्मीद है और एक वर्ष में इसका काम पूरा कर लिया जाएगा। परियोजना के तहत नूंह से नौगांव (राजस्थान बॉर्डर) तक चार लेन की सड़क का निर्माण होगा। यदि सभी प्रक्रियाएं निर्धारित समय पर पूरी होती हैं तो 2026 तक यह हाईवे पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा।
50 गांवों को मिलेगा सीधा फायदा
इस हाईवे के निर्माण से हरियाणा और राजस्थान के लगभग 50 गांवों को सीधा फायदा होगा। इन गांवों में रहने वाले लोगों को अब मुख्य शहरों तक पहुंचने में कम समय लगेगा। इसके साथ ही, क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
हाईवे किनारे बनेंगे नौ पुल और दो बाईपास
डीपीआर के अनुसार इस हाईवे पर नौ पुल बनाए जाएंगे, जिसमें खेड़ा, आकेड़ा, अकनदेहा, मांडीखेड़ा और फिरोजपुर झिरका के अंबेकर चौक जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं। इसके अलावा, हाईवे पर दो बाईपास भी प्रस्तावित हैं – पहला मालब गांव के पास और दूसरा भादस गांव के पास। दोनों बाईपास की लंबाई करीब 4 किलोमीटर होगी। इससे ट्रैफिक दबाव कम होगा और सफर और भी सुगम बनेगा।
“खूनी सड़क” की बदलेगी तस्वीर
गुरुग्राम से अलवर की ओर जाने वाली यह सड़क वर्तमान में बेहद व्यस्त और दुर्घटनाग्रस्त मार्गों में गिनी जाती है। स्थानीय लोग इसे “खूनी सड़क” के नाम से जानते हैं। हर दिन होने वाली दुर्घटनाओं और ट्रैफिक जाम से लोग बेहद परेशान थे। अब इस फोरलेन हाईवे के निर्माण से यह तस्वीर बदलने की उम्मीद की जा रही है।
स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों की मेहनत लाई रंग
इस सड़क परियोजना की मंजूरी के पीछे कई जनप्रतिनिधियों की वर्षों की मेहनत शामिल रही है। विधायक आफताब अहमद ने इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तक पहुंचाया। जनआंदोलन, धरना-प्रदर्शन और स्थानीय लोगों की मांगों के चलते आखिरकार इस सड़क परियोजना को मंजूरी मिली है।
आर्थिक और सामाजिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस हाईवे के निर्माण से सिर्फ सड़क कनेक्टिविटी नहीं सुधरेगी, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास का भी साधन बनेगा। सड़क के दोनों ओर स्थित बाजारों, दुकानों, कृषि क्षेत्रों और पर्यटन स्थलों को भी लाभ मिलेगा। ट्रांसपोर्ट का समय घटेगा, जिससे व्यापारियों को माल ढुलाई में सहूलियत होगी और छोटे व्यवसाय भी फलेंगे।
राजस्थान और हरियाणा के बीच मजबूत कनेक्टिविटी की दिशा में बड़ा कदम
गुरुग्राम-अलवर हाईवे का निर्माण हरियाणा और राजस्थान के बीच एक नई कनेक्टिविटी का द्वार खोलेगा। इससे न केवल दोनों राज्यों के नागरिकों को यातायात में सुविधा होगी, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों, शैक्षिक संस्थानों और स्वास्थ्य सेवाओं तक भी लोगों की पहुंच बढ़ेगी।
आम जन को मिलेगा सीधा लाभ
गुरुग्राम-अलवर नेशनल हाईवे (NH-248A) का निर्माण आम लोगों के लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आया है। इससे न केवल गांवों में रहने वाले लोगों को बेहतर परिवहन मिलेगा, बल्कि सड़क किनारे बसे बाजारों और कस्बों में व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। ऐसे में यह परियोजना हरियाणा-राजस्थान के सामाजिक और आर्थिक विकास की रीढ़ साबित हो सकती है।