गंगा एक्सप्रेसवे तक बनाया जाएगा नया लिंक एक्सप्रेसवे, 4400 करोड़ की लागत से होगा काम Jewar Airport Link Expressway

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Jewar Airport Link Expressway: उत्तर प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट जेवर एयरपोर्ट सिर्फ एक हवाई अड्डा नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के आर्थिक और बुनियादी विकास का नया केंद्र बनने जा रहा है. इस एयरपोर्ट के बनने से न केवल नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगों को फायदा होगा, बल्कि हरियाणा, दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों के लिए भी यह ग्रोथ हब बनेगा. राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट को यूपी के औद्योगिक और निर्यात केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है.

गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा जेवर एयरपोर्ट

सरकार जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाने जा रही है. इस लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 76 किलोमीटर होगी, जो यमुना एक्सप्रेसवे से 24 किलोमीटर पहले जुड़ जाएगा. इस परियोजना की अनुमानित लागत 4415 करोड़ रुपये है. इस एक्सप्रेसवे के बनने से जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी प्रदेश के हर कोने से बेहतर हो जाएगी, जिससे व्यापार और परिवहन को नई दिशा मिलेगी.

यूपी में एक्सप्रेसवे नेटवर्क को मिलेगा नया विस्तार

उत्तर प्रदेश पहले से ही कई एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर काम कर रहा है. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे पहले से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ रहे हैं. इसके अलावा, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थित हैं, जो यात्रा को आसान बनाते हैं.

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अब सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे बना रही है. इसी कड़ी में, जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा. इसके बनने से यूपी में एक पूरी एक्सप्रेसवे ग्रिड तैयार हो जाएगी, जिससे यातायात तेज़ और सस्ता हो जाएगा.

परियोजना के लिए यूपीडा को मिली जिम्मेदारी

इस परियोजना की नोडल एजेंसी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को नियुक्त किया गया है. यूपीडा इस परियोजना की प्लानिंग और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी निभाएगा. इसका अंतिम छोर गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. जिससे पश्चिमी यूपी के जिलों को जेवर एयरपोर्ट से कनेक्ट करने में मदद मिलेगी.

2026 से शुरू होगा निर्माण कार्य

इस परियोजना की योजना को फरवरी 2025 तक नियोजन विभाग के पास भेजा जाएगा. इसके बाद मार्च 2025 तक एम्पावर्ड फाइनेंस कमेटी से मंजूरी मिलने की संभावना है. मई से जुलाई 2025 के बीच भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और फरवरी 2026 से एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

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भारी निवेश से होगा विकास

इस नवनिर्मित लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लागत 4415 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 4000 करोड़ रुपये केवल भूमि अधिग्रहण में खर्च किए जाएंगे. यह दर्शाता है कि सरकार इस परियोजना को लेकर कितनी गंभीर है. इस सड़क के बनने से जेवर एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान होगा, जिससे प्रदेश में औद्योगिक निवेश और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.

जेवर एयरपोर्ट के पास बनेगा एक्सपोर्ट हब

उत्तर प्रदेश सरकार जेवर एयरपोर्ट को एक निर्यात केंद्र (Export Hub) के रूप में विकसित करने जा रही है. इसका मकसद राज्य के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को वैश्विक बाजार से जोड़ना है. यह हब विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के तहत विकसित किया जाएगा, जिससे प्रदेश के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचने का अवसर मिलेगा.

कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

जेवर एयरपोर्ट के पास बनने वाला एक्सपोर्ट हब किसानों और व्यापारियों के लिए नए अवसर खोलेगा. इस केंद्र के जरिए मूंगफली, सब्जी, काला नमक चावल, तिल और अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की योजना बनाई गई है. इससे न केवल किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.

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एक्सपोर्ट हब से अंतरराष्ट्रीय बाजार तक सीधी पहुंच

जेवर एयरपोर्ट से जुड़ा यह एक्सपोर्ट हब उत्तर प्रदेश के उद्योगों को सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ देगा. इसके तहत कृषि, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, फार्मा और दूसरे निर्यात उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी. इससे यूपी के उद्योगों को लॉजिस्टिक्स पर कम खर्च करना होगा और वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे.

जेवर एयरपोर्ट से यूपी को मिलेंगे कई फायदे

  • कृषि उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा: एक्सपोर्ट हब से किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों को बेचने का मौका मिलेगा.
  • तेजी से औद्योगिक विकास: एक्सप्रेसवे नेटवर्क और एयरपोर्ट के जुड़ने से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में निवेश बढ़ेगा.
  • रोजगार के नए अवसर: एक्सपोर्ट हब और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में हजारों नए रोजगार उत्पन्न होंगे.
  • अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी: जेवर एयरपोर्ट से दुनिया के अलग-अलग देशों से सीधी हवाई सेवा मिलने से यूपी का व्यापार और टूरिज्म बढ़ेगा.
  • तेज और सुगम यात्रा: नए लिंक एक्सप्रेसवे से सफर का समय कम होगा और यात्रा अधिक सुविधाजनक होगी.

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