School Open Again: दिल्ली में लंबे समय से प्रदूषण और कड़ाके की ठंड के कारण स्कूलों को हाइब्रिड मोड में चलाया जा रहा था. 10वीं और 12वीं के अलावा बाकी कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में शिफ्ट कर दिया गया था. लेकिन अब वायु गुणवत्ता में सुधार होने और ग्रैप-3 (GRAP-3) की पाबंदियां हटने के बाद दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने का आदेश दिया है.
GRAP-3 हटने के बाद सरकार का बड़ा फैसला
दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रदूषण स्तर के अनुसार अलग-अलग पाबंदियां लगाई जाती हैं. जब वायु गुणवत्ता खराब हो जाती है, तो स्कूल, निर्माण कार्य और अन्य गतिविधियों पर पाबंदी लगाई जाती है.
- प्रदूषण कम होने से राहत: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली में प्रदूषण स्तर में सुधार का हवाला देते हुए GRAP-3 को हटाने का निर्णय लिया.
- स्कूल खुलने का आदेश: इस निर्णय के बाद दिल्ली सरकार ने 17 जनवरी से सभी सरकारी और निजी स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने का निर्देश जारी किया.
DOE के निर्देश
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (DOE) ने स्पष्ट किया है कि अब सभी सरकारी, प्राइवेट और सहायता प्राप्त स्कूलों को कक्षाएं ऑफलाइन मोड में संचालित करनी होंगी.
- सभी कक्षाओं पर लागू: DOE के नोटिस में कहा गया है कि सभी स्तरों की कक्षाएं अब प्रत्यक्ष रूप से स्कूलों में आयोजित की जाएंगी.
- शिक्षा का सामान्य होना: इस फैसले से बच्चों की पढ़ाई में आई रुकावट दूर होगी और वे नियमित पढ़ाई कर पाएंगे.
स्कूल खुलने से बच्चों और अभिभावकों को राहत
ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चों और अभिभावकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इंटरनेट की समस्या, शिक्षकों से सीधे संवाद का अभाव और बच्चों का सामाजिक विकास रुक गया था.
- बच्चों के लिए खुशी: स्कूल खुलने से बच्चे अब दोस्तों और शिक्षकों से मिल सकेंगे. यह उनके मानसिक और सामाजिक विकास के लिए फायदेमंद होगा.
- पैरेंट्स को राहत: अभिभावकों के लिए भी यह राहत की बात है कि बच्चों की पढ़ाई सामान्य हो जाएगी और वे स्कूल के अनुशासन में वापस आएंगे.
ऑफलाइन कक्षाओं से क्या होगा फायदा?
ऑफलाइन कक्षाओं का महत्व कई कारणों से बढ़ जाता है.
- सामाजिक विकास: स्कूल में बच्चों को साथ पढ़ने और समूह में काम करने का अनुभव मिलता है.
- शैक्षणिक सुधार: कक्षा में शिक्षक के साथ संवाद और शंकाओं का समाधान ऑफलाइन मोड में बेहतर तरीके से होता है.
- स्मार्टफोन पर निर्भरता कम: ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चों को स्क्रीन पर लंबे समय तक रहना पड़ता था, जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा था.
कोविड और ठंड के बीच स्कूल खोलने की तैयारी
हालांकि स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है, लेकिन कोविड-19 और ठंड को ध्यान में रखते हुए विशेष सावधानियां बरतने की जरूरत होगी.
- स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन: स्कूलों में मास्क पहनना, हाथ धोना और उचित दूरी बनाए रखना अनिवार्य किया जाएगा.
- गर्म कपड़ों की व्यवस्था: कड़ाके की ठंड को देखते हुए स्कूलों को बच्चों के लिए उचित तापमान बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.
स्कूल प्रबंधन के लिए निर्देश
सरकार ने स्कूल प्रबंधन को भी दिशा-निर्देश दिए हैं ताकि बच्चों की सुरक्षा और पढ़ाई को प्राथमिकता दी जा सके.
- साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन: स्कूलों को कक्षाओं और अन्य क्षेत्रों में नियमित रूप से सफाई और सैनिटाइजेशन करना होगा.
- अनुशासन और उपस्थिति: बच्चों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों को माता-पिता के साथ संवाद स्थापित करना होगा.
- अतिरिक्त कक्षाएं: पिछली पढ़ाई की भरपाई के लिए अतिरिक्त कक्षाओं और रिवीजन की योजना बनाई जाएगी.
बच्चों और शिक्षकों की तैयारी
लंबे समय से ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चों को ऑफलाइन मोड में ढलने में समय लग सकता है.
- शिक्षकों की भूमिका: शिक्षकों को बच्चों को फिर से ऑफलाइन पढ़ाई की आदत डालने में मदद करनी होगी.
- बच्चों की मानसिकता: बच्चों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे स्कूल के माहौल को समझें और उसमें ढलें.
अभिभावकों की भूमिका
अभिभावकों को बच्चों को मानसिक रूप से तैयार करने में अहम भूमिका निभानी होगी.
- स्वास्थ्य का ध्यान: ठंड और कोविड-19 के मद्देनजर बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान दें और उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं.
- पढ़ाई में सहयोग: बच्चों को पढ़ाई के महत्व को समझाएं और उनके होमवर्क में मदद करें.