New Railway Line: खरगोन में नई प्रस्तावित अलीराजपुर-खरगोन-खंडवा रेल मार्ग के पहले सर्वे की शुरुआत हो चुकी है जिससे क्षेत्रीय निवासियों में उत्साह और आशा की नई किरण जागी है. इस रेलवे लाइन के निर्माण से न केवल परिवहन की सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि स्थानीय कृषि और उद्योगों को भी खासा बढ़ावा मिलेगा.
सर्वे की प्रक्रिया और इसके महत्व
रेलवे की तकनीकी टीम द्वारा वर्तमान में नदियों, पहाड़ियों, और सरकारी संरचनाओं का वॉक थ्रू सर्वे किया जा रहा है. यह प्रस्तावित रेलवे लाइन, जो लगभग 221 किलोमीटर लंबी होगी, पश्चिमी और उत्तरी रेलवे लाइनों को जोड़ने का कार्य करेगी. इस प्रक्रिया से जुड़ी तकनीकी जानकारी और भौगोलिक डेटा इस परियोजना की योजना और निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होगा.
फंडिंग और भविष्य की योजनाएं
सरकार ने इस नए रेल मार्ग के सर्वे के लिए 6.25 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और वॉक थ्रू सर्वे के बाद ड्रोन तथा डीजीपीएस सर्वे की भी योजना है. इस नए मार्ग से खंडवा-बड़ौदा और नागपुर के बीच की दूरी लगभग 200 किलोमीटर कम हो जाएगी, जिससे यात्रा समय में काफी कमी आएगी.
क्षेत्रीय विकास में योगदान
अगर यह रेलवे लाइन मूर्तरूप लेती है, तो खरगोन, अलीराजपुर, बड़वानी, धार और खंडवा जैसे पांच जिलों को सीधा लाभ मिलेगा. इससे न केवल यात्रा सुविधाजनक होगी बल्कि स्थानीय उद्योग और कृषि क्षेत्र को भी नई दिशा मिलेगी. यह रेलवे लाइन आसपास के आदिवासी क्षेत्रों के लिए भी बड़ा लाभकारी साबित होगी.
किसानों और उद्योगों को मिलेगा विशेष लाभ
इस नए रेल मार्ग से खरगोन जिले में मौजूद तीन बड़ी मंडियों—लाल मिर्च, कपास, और चना—के लिए उत्पादों की ढुलाई और आसान होगी. किसानों की स्थिति में सुधार होगा और क्षेत्र में औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी.
पर्यटन और रोजगार के अवसर में बढ़ोतरी
नई रेलवे लाइन से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. यह परियोजना खरगोन और आसपास के क्षेत्रों के लिए आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण माध्यम साबित होगी, जिससे स्थानीय निवासियों का जीवन स्तर उन्नत होगा.