New Railway Line: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में घोषणा की है कि बिहटा-औरंगाबाद के बीच एक नई रेल लाइन के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की मंजूरी दी गई है. इस रेल लाइन की प्रस्तावित लंबाई 120 किलोमीटर होगी, जिससे इस क्षेत्र की यातायात सुविधाओं में भारी सुधार होने की उम्मीद है.
परियोजना की विशेषताएं और लागत
रेल मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि औरंगाबाद को बेहतर रेल संपर्कता प्रदान करने के लिए अनुग्रह नारायण रोड से औरंगाबाद के बीच 13 किलोमीटर की नई रेल लाइन को भी मंजूरी दी गई है. इस परियोजना पर कुल 440 करोड़ रुपये का खर्च आने की अनुमान है.
बजट आवंटन और वित्तीय योजना
वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान, इस रेल परियोजना के लिए 42.7 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. यह धनराशि परियोजना की शुरुआती चरणों में उपयोग की जाएगी, जिसमें भूमि अधिग्रहण और प्रारंभिक निर्माण कार्य शामिल हैं.
परियोजना की सफलता में चुनौतियाँ
रेल मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी रेल परियोजना की सफलता कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे कि राज्य सरकार द्वारा शीघ्र भूमि अधिग्रहण, वन विभाग के अधिकारियों की स्वीकृति और लागत भागीदारी. इसके अलावा, राज्य सरकार को भी अपना लागत हिस्सा देना पड़ता है, जो परियोजना के समयबद्ध और बजट के अनुरूप पूरा होने में मदद करता है.
संबंधित रेलखंडों के विकास की जानकारी
रेलवे ने सगौली-वाल्मिकीनगर दोहरीकरण परियोजना के तहत बेतिया-कुमारबाग रेलखंड के लिए भी स्पीड ट्रायल और निरीक्षण की योजना बनाई है. यह परियोजना भी उत्तर प्रदेश और बिहार में रेल संपर्कता में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण है.
इस तरह की पहल से न केवल आवागमन की सुविधा में सुधार होगा, बल्कि इससे क्षेत्रीय विकास को भी बल मिलेगा, जिससे स्थानीय निवासियों को बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. यह परियोजना नई रेल लाइन के निर्माण के साथ-साथ वर्तमान में सेवारत लाइनों के उन्नयन का भी हिस्सा है, जिससे इस क्षेत्र की समग्र विकास