Haryana Coaching Center Rules: हरियाणा सरकार ने शैक्षिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सभी निजी शिक्षण संस्थानों और कोचिंग सेंटरों के लिए अनिवार्य रजिस्ट्रेशन और उनकी फीस पर नियंत्रण रखने का फैसला किया है। उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग ने इस संबंध में आदेश जारी किये हैं।
कड़े उपाय और उनके परिणाम
इस नई व्यवस्था के तहत, बगैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे कोचिंग सेंटरों को न केवल बंद किया जाएगा बल्कि उनकी संपत्तियाँ भी जब्त की जा सकती हैं। सरकार इस पहल से शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने और शिक्षा के व्यवसाय को नियंत्रित करना चाहती है।
रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता
पिछले साल प्रदेश सरकार ने निजी कोचिंग संस्थानों के लिए रजिस्ट्रेशन और कानून अधिनियम मंजूर किया था, जिसके अनुसार हर कोचिंग सेंटर को सरकारी मानदंडों के अनुसार रजिस्टर होना अनिवार्य है।
कमेटी का गठन और इसकी भूमिका
हर जिले में एक कमेटी का गठन किया गया है, जो कोचिंग सेंटरों के रजिस्ट्रेशन को मंजूरी देने का काम करेगी। इस कमेटी में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और अन्य शैक्षणिक अधिकारी शामिल हैं, जो संस्थानों की गुणवत्ता और उनके संचालन की निगरानी करेंगे।
जुर्माने और कार्रवाई
कोचिंग सेंटरों द्वारा नियमों का पालन न करने पर उन पर 25,000 से 1,00,000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, बार-बार नियम तोड़ने पर संस्थानों का लाइसेंस रद्द करने की भी प्रक्रिया है।
एक जागरूक पहल
हरियाणा सरकार की यह पहल न केवल शैक्षणिक संस्थानों को अधिक जिम्मेदार बनाने के लिए है बल्कि यह छात्रों को बेहतर और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने का भी एक माध्यम है। सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, जिससे सभी प्रतिभागी को लाभ होगा।