Liquor Ban: मध्यप्रदेश (एमपी) को शराब से सालाना 13,900 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है. लेकिन यह कमाई नशे से होने वाले सामाजिक और स्वास्थ्यगत नुकसान की भरपाई के लिए सरकार पर बड़ा वित्तीय बोझ डालती है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रदेश शराब पर निर्भरता को कम करते हुए अन्य क्षेत्रों में निवेश और विकास पर ध्यान केंद्रित करे, तो वह 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व जुटा सकता है. इससे न केवल समाज को नशे के दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है. बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न किए जा सकते हैं.
एग्रीकल्चर फूड प्रोसेसिंग
मध्यप्रदेश गेहूं और दालों के उत्पादन में देश में अग्रणी है. लेकिन इन कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग का काम बहुत कम हो रहा है.
- अन्य राज्यों को लाभ:
प्रदेश से कच्चा अनाज दूसरे राज्यों में भेजा जाता है, जहां इसका प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) कर बड़ा लाभ कमाया जाता है. - फूड प्रोसेसिंग से आय:
यदि एमपी खुद इस दिशा में काम करे, तो वह कृषि उत्पादों की वैल्यू एडिशन कर अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकता है.
खनिज स्रोतों का बेहतर उपयोग
एमपी खनिज संपदा से भरपूर राज्य है. 2023-24 में खनिज क्षेत्र से 10,065 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ.
- आधुनिक तकनीकों का उपयोग:
खनिज उद्योगों में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर आय में 10,000 करोड़ रुपये और जोड़े जा सकते हैं. - नीलामी प्रक्रिया में सुधार:
नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाकर खनिज क्षेत्र को अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है.
दूध प्रसंस्करण
एमपी दूध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है.
- वर्तमान आय:
दूध से सालाना 1,700 करोड़ रुपये की आय हो रही है. - प्रोसेसिंग की जरूरत:
यदि दूध की प्रोसेसिंग स्थानीय स्तर पर हो, तो यह आय 5,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. डेयरी उत्पाद जैसे पनीर, मक्खन, और दही का उत्पादन बढ़ाकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लाभ कमाया जा सकता है.
लघु और कुटीर उद्योगों का विस्तार
मध्यप्रदेश का रेशम उद्योग और अन्य कुटीर उद्योग विश्वभर में प्रसिद्ध हैं.
- मांग में वृद्धि:
कुटीर उद्योगों में बने उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. - निवेश को प्रोत्साहन:
यदि इन उद्योगों में निवेश और प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जाए, तो प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं.
महिला सशक्तीकरण से आर्थिक उन्नति
महिलाओं को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों में शामिल करना एमपी के लिए एक बड़ा अवसर है.
- नेतृत्व के लिए तैयार करें:
महिलाओं को उद्यमशीलता और नेतृत्व के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है. - अन्य देशों के मॉडल अपनाएं:
महिला आधारित उद्यमों में निवेश कर प्रदेश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सकता है.
वेयरहाउसिंग हब
एमपी देश के केंद्र में स्थित है, जिससे इसे वेयरहाउसिंग हब के रूप में विकसित किया जा सकता है.
- व्यापार के लिए लाभकारी:
प्रदेश में बड़े वेयरहाउस बनाकर अन्य राज्यों में सामान की आपूर्ति की जा सकती है. - उद्योगों को प्रोत्साहन:
यह उद्योगों के लिए माल भंडारण और वितरण का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है.
हार्टिकल्चर प्रोसेसिंग
एमपी फल और सब्जी उत्पादन में रिकॉर्ड बना रहा है.
- वर्तमान स्थिति:
इस क्षेत्र से सालाना 1,650 करोड़ रुपये की आय हो रही है. - प्रोसेसिंग से आय में वृद्धि:
यदि फल और सब्जियों की प्रोसेसिंग पर ध्यान दिया जाए, तो यह आय 2,000 करोड़ रुपये तक बढ़ सकती है.
पर्यटन क्षेत्र में सुधार
मध्यप्रदेश धार्मिक, वन्यजीव और ग्रामीण पर्यटन के लिए जाना जाता है.
- वर्तमान आय:
दिसंबर 2024 तक इस क्षेत्र से 204 करोड़ रुपये की आय हुई है. - संभावनाएं:
पर्यटन क्षेत्र में सुविधाओं का विस्तार कर इसे 1,100 करोड़ रुपये तक ले जाया जा सकता है.
केंद्रीय सहायता का लाभ
गुजरात की तरह, मध्यप्रदेश भी केंद्र से आबकारी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक सहायता मांग सकता है.
- आर्थिक मदद:
केंद्र सरकार से 12,000 करोड़ रुपये तक की सहायता प्राप्त कर प्रदेश की आय बढ़ाई जा सकती है.
आईटी और तकनीकी क्षेत्र में निवेश
इंदौर आईटी हब के रूप में उभर रहा है.
- सेमीकंडक्टर उद्योग:
सेमीकंडक्टर जैसे उच्च तकनीकी उत्पादों में निवेश कर प्रदेश को तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी बनाया जा सकता है. - दूसरे शहरों में विस्तार:
भोपाल और अन्य शहरों में आईटी उद्योग को बढ़ावा दिया जा सकता है.