गैर-शिक्षकीय कर्मचारी को नौकरी से धोना पड़ेगा हाथ, शिक्षा विभाग ने बनाया खास प्लान Govt Action

Shivam Sharma
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Govt Action: हरियाणा सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की संख्या को और अधिक कुशलता से व्यवस्थित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इस प्रक्रिया, जिसे रेशनलाइजेशन कहा जाता है, के तहत गैर-शिक्षण कर्मचारियों की संख्या को कम किया जा रहा है ताकि शिक्षकों की संख्या को और अधिक बढ़िया बनाया जा सके.

गैर-शिक्षण कर्मचारियों की जानकारी का संग्रह

मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने शिक्षा विभाग से सभी गैर-शिक्षण कर्मचारियों के बारे में पूरी जानकारी मांगी है. इस जानकारी के आधार पर, ऐसा अनुमान है कि शिक्षा विभाग में 5000 से अधिक पदों (potential job cuts) को समाप्त किया जा सकता है जिससे शिक्षा प्रणाली में कुशलता आएगी.

निर्देशों का पालन

शिक्षा निदेशालय ने SCERT गुरुग्राम और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इन गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सटीक संख्या और विवरण (detailed reporting) उपलब्ध कराएं. यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जानी है जिससे कि संभावित संवर्गीकरण और तर्कसंगत कार्रवाई की जा सके.

सरकार का फैसला और पद

सरकार के फैसले के तहत, HRME-1 और HRME-2 शाखा से संबंधित कई पदों की समीक्षा की जा रही है. इनमें अधीक्षक, उप अधीक्षक, सीनियर स्केल स्टेनोग्राफर, जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर, स्टेनो टाइपिस्ट, सहायक, सांख्यिकी सत्यापक, ड्राइवर, लैब अटेंडेंट और लिपिक (positions under review) शामिल हैं. इन पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी संग्रहित की जा रही है.

रेशनलाइजेशन के उद्देश्य

रेशनलाइजेशन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर स्कूल में उचित संख्या में शिक्षक उपलब्ध हों, जिससे शिक्षक और छात्रों के बीच का अनुपात (teacher-student ratio) सुधर सके. इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि शिक्षण प्रणाली की समग्र कुशलता भी बढ़ेगी.

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