Electricity Theft: बिहार में बिजली खपत की निगरानी के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब राज्य के साढ़े तीन लाख ट्रांसफॉर्मरों में से दो लाख 30 हजार से अधिक में मीटर लगाए जा चुके हैं. अगले तीन से चार महीने में बाकी बचे ट्रांसफॉर्मरों में भी मीटर लग जाएंगे. यह कदम बिजली चोरी पर रोक लगाने और खपत की सटीक जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से उठाया गया है.
ट्रांसफॉर्मरों में मीटर लगाने की प्रगति
नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के अधीन कुल 1,97,892 ट्रांसफॉर्मर लगे हुए हैं. इनमें से 1,36,000 ट्रांसफॉर्मरों में मीटर लग चुका है, जो कुल संख्या का लगभग 69% है. वहीं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के अधीन 1,51,376 ट्रांसफॉर्मर हैं. जिनमें से 96,000 ट्रांसफॉर्मरों में मीटर लगाया जा चुका है. कुल मिलाकर राज्य में 63% ट्रांसफॉर्मरों में मीटर लगाने का काम पूरा हो चुका है. शेष ट्रांसफॉर्मरों में अप्रैल 2025 तक मीटर लगाने का लक्ष्य है.
आरडीएसएस योजना
आरडीएसएस (रीवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) योजना के तहत ट्रांसफॉर्मरों में मीटर लगाने की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है. इस योजना का उद्देश्य राज्य में बिजली की गुणवत्ता और आपूर्ति में सुधार लाना है. कृषि कनेक्शन से जुड़े ट्रांसफॉर्मरों को छोड़कर बाकी सभी ट्रांसफॉर्मरों में मीटर लगाए जाएंगे. इससे ट्रांसफॉर्मर की क्षमता और उपभोक्ताओं की खपत का सटीक आंकलन हो सकेगा.
मोहल्लावार बिजली खपत की रिपोर्ट बनेगी
ट्रांसफॉर्मरों में मीटर लगने के बाद अब मोहल्लावार बिजली खपत का सही डेटा तैयार किया जा सकेगा. संबंधित ट्रांसफॉर्मर से जुड़े उपभोक्ताओं की संख्या और उनकी बिजली खपत की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी. यह भी स्पष्ट हो सकेगा कि किस क्षेत्र में वैध और अवैध खपत कितनी हो रही है. इस डेटा के आधार पर संबंधित क्षेत्रों में औचक छापेमारी की जाएगी और बिजली चोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे.
ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता बढ़ेगी
मीटर लगाने के बाद यदि किसी क्षेत्र में उपभोक्ताओं का लोड अधिक पाया गया, तो वहां अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे. इससे ट्रांसफॉर्मर से होने वाली ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की समस्या को दूर किया जा सकेगा. कंपनी का उद्देश्य लोगों को गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली की आपूर्ति करना है.
स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बिजली खपत का अध्ययन
राज्य में 50 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं. इन स्मार्ट मीटरों के जरिए उपभोक्ताओं की बिजली खपत का अध्ययन किया जा रहा है. इसमें यह देखा जा रहा है कि किस समय और मौसम में बिजली की खपत अधिक होती है. इस डेटा के आधार पर ग्रिड, सब-स्टेशन और फीडर की क्षमता में वृद्धि की जाएगी. जिससे शहर से लेकर गांवों तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी.
ट्रांसफॉर्मर से जुड़े फायदे
मीटर लगाने से न केवल बिजली चोरी पर लगाम लगेगी, बल्कि इससे बिजली खपत का सटीक आंकलन हो सकेगा. इसके अलावा कंपनी को यह भी पता चलेगा कि कहां अधिक बिजली की आवश्यकता है और किस क्षेत्र में अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाने की जरूरत है. इस प्रक्रिया से उपभोक्ताओं को बेहतर और स्थायी बिजली सेवा का लाभ मिलेगा.
आरडीएसएस योजना के तहत उठाए गए कदम
आरडीएसएस योजना के तहत राज्य में कई सुधार कार्य किए जा रहे हैं. इसमें ट्रांसफॉर्मरों में मीटर लगाने, ग्रिड और सब-स्टेशन की क्षमता बढ़ाने और बिजली चोरी पर सख्ती जैसे महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं. इस योजना का उद्देश्य है कि राज्य में बिजली आपूर्ति को स्थिर और विश्वसनीय बनाया जाए.
बिजली चोरी पर सख्ती
मीटर लगने के बाद बिजली चोरी रोकने के लिए कंपनी औचक छापेमारी करेगी. ट्रांसफॉर्मर से जुड़ी खपत का सटीक डेटा मिलने से अवैध खपत करने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. यह कदम राज्य में बिजली चोरी को पूरी तरह खत्म करने के उद्देश्य से उठाया गया है.
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सुधार
मीटर लगाने की प्रक्रिया से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ट्रांसफॉर्मरों की समस्या दूर होगी. अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगने से ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की समस्या समाप्त होगी. उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली सेवा उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे उनकी दैनिक जरूरतें आसानी से पूरी हो सकेंगी.
गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति की ओर कदम
बिहार सरकार का यह कदम राज्य में गुणवत्तापूर्ण और स्थायी बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए है. ट्रांसफॉर्मरों में मीटर लगाने और स्मार्ट मीटर के जरिए खपत का अध्ययन करने से राज्य के बिजली वितरण में सुधार होगा. आरडीएसएस योजना के तहत इन सुधार कार्यों का लाभ जल्द ही उपभोक्ताओं को मिलेगा.