Retirement Age Hike: उत्तराखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रदेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा को 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया है. इस फैसले से प्रदेश के 550 विशेषज्ञ चिकित्सकों को अधिक समय तक सेवाएँ देने का अवसर मिलेगा, जिससे प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सकेगा.
सेवानिवृत्ति आयु में बढ़ोतरी का महत्व
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने इस बदलाव की घोषणा की, जिसके अनुसार यह निर्णय विशेषज्ञ चिकित्सकों की दक्षता और अनुभव का लाभ उठाने के लिए किया गया है. इससे विशेषज्ञ चिकित्सक समुदाय के बीच नया उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा.
स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाला प्रभाव
विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु में इस वृद्धि से उत्तराखंड में विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में सुधार होने की उम्मीद है. सरकार का यह कदम खासकर सुदूर गांवों में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच को बढ़ावा देगा.
नई नीति के तहत नियम और प्रावधान
इस नई नीति के तहत, सरकार ने यह भी निर्धारित किया है कि 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों को किसी भी प्रकार की प्रशासनिक या वित्तीय दायित्व की जिम्मेदारियाँ नहीं दी जाएंगी. इसके बजाय, उन्हें उनकी विशेषज्ञता के अनुरूप मुख्य परामर्शदाता के रूप में तैनात किया जाएगा.
सेवानिवृत्ति के बाद के फायदे
चिकित्सकों को वेतन वृद्धि और अन्य सेवा लाभ, जैसे कि राजकीय कार्मिकों के समान, सेवानिवृत्ति के समय नियमानुसार दिए जाएंगे. इस बदलाव से चिकित्सकों को अपनी सेवाओं को जारी रखने का मौका मिलेगा और वे अपने अनुभव का उपयोग करके राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे सकेंगे.
इस निर्णय से उत्तराखंड सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है और यह राज्य के नागरिकों को उच्चतर गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करने के लिए एक कदम आगे है.