PM Kisan Samman Nidhi Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) भारत के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है. यह योजना किसानों को आर्थिक मदद देने के साथ-साथ उनकी कृषि से जुड़ी समस्याओं को हल करने में मददगार साबित हो रही है. अब तक इस योजना के तहत किसानों को ₹3.46 लाख करोड़ से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है.
19वीं किस्त का इंतजार और फार्मर रजिस्ट्री की अनिवार्यता
योजना की 18वीं किस्त तक 9.58 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिला है. अब किसान 19वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. हालांकि इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने फार्मर रजिस्ट्री (Farmer Registry) कराई है.
- महत्वपूर्ण सूचना: केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दिसंबर 2024 से बिना फार्मर रजिस्ट्री कराए इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
- अंतिम तारीख: फार्मर रजिस्ट्री कराने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 है.
फार्मर रजिस्ट्री क्यों है जरूरी?
फार्मर रजिस्ट्री का मुख्य उद्देश्य किसानों और उनकी जमीनों से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकना है.
- पारदर्शिता: इससे सरकार को यह पता चलेगा कि किस किसान के पास कितनी जमीन है.
- सुविधा: सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी झंझट के सीधे किसानों तक पहुंचेगा.
- डाटा का अद्यतन: खतौनी और अन्य जानकारियों का रियल टाइम अपडेट किसानों को धोखाधड़ी से बचाएगा.
फार्मर रजिस्ट्री कराने के तरीके
किसान तीन आसान तरीकों से अपनी फार्मर रजिस्ट्री करा सकते हैं:
स्वयं पोर्टल के माध्यम से
- किसान upfr.agristack.gov.in पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.
- आवश्यक दस्तावेज:
- खतौनी की प्रति.
- आधार कार्ड.
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर.
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर
- निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर फार्मर रजिस्ट्री कराएं.
- दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड और खतौनी की प्रति साथ ले जाना अनिवार्य है.
पंचायत सहायक या लेखपाल की मदद से
- किसान अपने पंचायत सहायक, लेखपाल या कृषि प्राविधिक सहायक से संपर्क कर रजिस्ट्री कर सकते हैं.
फार्मर रजिस्ट्री के फायदे
फार्मर रजिस्ट्री से किसानों को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
- ई-केवाईसी की बार-बार जरूरत खत्म: रजिस्ट्री के बाद ई-केवाईसी को बार-बार कराने की आवश्यकता नहीं होगी.
- लोन और सब्सिडी का लाभ: किसान बिना दस्तावेज़ के डिजिटल केवाईसी के जरिए ₹2 लाख तक का लोन ले सकते हैं.
- फसल बीमा और आपदा राहत: फसल क्षतिपूर्ति और आपदा राहत पाने में आसानी होगी.
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): एमएसपी पर खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा.
- डाटा का अद्यतन: खतौनी और अन्य जानकारियों का रियल टाइम अपडेट.
- धोखाधड़ी से बचाव: जमीनों और कृषि योजनाओं से जुड़े मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी.
पीएम किसान योजना का व्यापक असर
पीएम किसान योजना ने देश के किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
- आर्थिक राहत: ₹6,000 वार्षिक सहायता राशि से किसानों को फसल बीज, खाद और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति में मदद मिलती है.
- गरीबी कम करने में मदद: छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह योजना वरदान साबित हुई है.
- सीधे लाभार्थियों तक पहुंच: योजना की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर होती है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है.
डिजिटल बैंकिंग और योजनाओं का समन्वय
फार्मर रजिस्ट्री के माध्यम से किसान डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का भी आसानी से लाभ उठा सकते हैं.
- फसल बीमा.
- कृषि सब्सिडी.
- सरकारी खरीद योजनाएं.
योजना से जुड़ी कुछ चुनौतियां
हालांकि योजना का उद्देश्य सराहनीय है. लेकिन इसके क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियां भी हैं:
- डिजिटल साक्षरता: ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल जागरूकता की कमी.
- दस्तावेजों की अनुपलब्धता: कई किसानों के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं होते.
- रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में देरी: सरकारी तंत्र की धीमी प्रक्रिया.