New Excise Policy: पंजाब सरकार ने शराब की नई आबकारी नीति को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस पहल के तहत राज्य की आबकारी राजस्व में आगामी वित्त वर्ष के दौरान 6 से 7 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है. यह नीति चार सदस्यीय कैबिनेट उप-समिति द्वारा तैयार की जा रही है जिसकी हाल ही में तीसरी बैठक संपन्न हुई और अंतिम बैठक दो दिनों में होने की उम्मीद है.
राजस्व लक्ष्य और उम्मीदें
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आबकारी राजस्व का लक्ष्य 10,145 करोड़ रुपये निर्धारित किया है और अगले वित्त वर्ष के लिए इसे बढ़ाकर 11,000 करोड़ रुपये करने की योजना है. चालू वित्त वर्ष में, जनवरी तक, राज्य को 8,584.33 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व (excise revenue growth) प्राप्त हुआ है, और मार्च तक लक्ष्य को पार करने की संभावना है.
शराब की बिक्री और राजस्व बढ़ोतरी
पंजाब सरकार द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि मोहाली, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला, और रोपड़ में शराब की रिकॉर्ड बिक्री (record alcohol sales) हुई है, जिससे आबकारी राजस्व में बढ़ोतरी हुई है. यह वृद्धि राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक संकेत है.
कैबिनेट सब-कमेटी और नीति निर्धारण
कैबिनेट सब-कमेटी, जिसमें वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, कुलदीप सिंह धालीवाल, हरभजन सिंह ईटीओ, और तरुणप्रीत सिंह सौंद शामिल हैं, राज्य की आबकारी नीति को अंतिम रूप दे रही है. इस समिति का कार्य नए वित्त वर्ष से शराब की कीमतों में बढ़ोतरी न करने की तैयारी में है, जिससे उपभोक्ता हितों की रक्षा हो सके.
विवाद और शराब ठेकेदारों की चिंताएं
शराब ठेकेदारों ने टैंडर आधारित प्रणाली का विरोध किया है क्योंकि उन्हें लगता है कि यह एकाधिकार (monopoly concerns) को जन्म दे सकता है. खुले कोटे का विरोध भी हो रहा है क्योंकि इससे बाजार में शराब की अधिक आपूर्ति होगी, जिससे उन्हें वित्तीय नुकसान हो सकता है. इस प्रक्रिया से न केवल कीमतों में विवाद उत्पन्न होगा, बल्कि पंजाब से अन्य राज्यों में शराब की तस्करी (smuggling issues) के रास्ते भी खुल सकते हैं.