Electricity Bill NOC: जम्मू और कश्मीर में बिजली निगम ने वित्त वर्ष की समाप्ति तक एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) को फिर से अनिवार्य कर दिया है. इससे सरकारी कर्मचारियों से लेकर आम उपभोक्ताओं तक सभी को अपने बिजली बिल चुकाने के बाद ही जरूरी सेवाओं का लाभ मिलेगा.
सरकारी कर्मचारियों को एनओसी जमा करने के बाद ही मिलेगा वेतन
सरकारी कर्मचारियों को अपना फरवरी और मार्च का वेतन प्राप्त करने के लिए बिजली बिल भुगतान का प्रमाण पत्र (एनओसी) जमा कराना होगा. जब तक वे अपने बिजली बिल का पूरा भुगतान नहीं कर देते और उसे संबंधित विभाग में नहीं दिखाते, तब तक उनकी सैलरी रोकी जा सकती है. इस नियम के लागू होने के बाद सरकारी विभागों में काम करने वाले लाखों कर्मचारी अब अपने बकाया बिल तुरंत चुकाने के लिए मजबूर होंगे. यह कदम सरकार की राजस्व वसूली को बढ़ाने और बिजली घाटे को कम करने की योजना का हिस्सा है.
आम नागरिकों के लिए भी एनओसी अनिवार्य
सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों को भी अब एनओसी दिखाने के बाद ही सरकारी कामों को पूरा करने की अनुमति दी जाएगी. इसका मतलब यह है कि यदि किसी व्यक्ति को बिजली कनेक्शन लेना है, संपत्ति संबंधित कोई सरकारी दस्तावेज लेना है या अन्य किसी सरकारी योजना का लाभ उठाना है, तो उसे पहले अपना बिजली बिल पूरा चुकाना होगा. बिजली निगम ने यह कदम बिजली बिल बकाया रखने वाले उपभोक्ताओं पर दबाव बनाने और भुगतान को समय पर सुनिश्चित करने के लिए उठाया है.
सरकारी परियोजनाओं के ठेकेदारों और एजेंसियों को भी एनओसी जरूरी
जिन सरकारी परियोजनाओं पर काम करने वाली एजेंसियां या ठेकेदार हैं, उन्हें भी अपने बिलों के साथ बिजली बिल की एनओसी जमा करनी होगी. जब तक वे यह प्रमाण पत्र ट्रेजरी में जमा नहीं कराते, तब तक उनके भुगतान रोके जा सकते हैं. इससे यह सुनिश्चित होगा कि न केवल सरकारी कर्मचारी, बल्कि सरकारी कार्यों में लगे ठेकेदार और एजेंसियां भी अपने बिजली बिल का समय पर भुगतान करें.
राजस्व जुटाने की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर जारी
बिजली खरीद लक्ष्य को पूरा करने के लिए जम्मू और कश्मीर में राजस्व वसूली तेजी से की जा रही है. वित्तीय वर्ष की समाप्ति निकट है, और बिजली विभाग ने जितना संभव हो उतना राजस्व एकत्र करने के प्रयास तेज कर दिए हैं. सूत्रों के अनुसार राज्य को 7000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य मिला था, लेकिन अब तक केवल 2600 करोड़ रुपये ही एकत्र किए जा सके हैं. इस अंतर को पूरा करने के लिए बिजली निगम ने एनओसी को दोबारा लागू करने का फैसला लिया है.
सरकारी कर्मचारियों की संख्या और बिजली घाटे को कम करने की योजना
जम्मू और कश्मीर में लगभग साढ़े तीन लाख सरकारी कर्मचारी हैं. यदि ये सभी कर्मचारी समय पर बिजली बिल भरें और एनओसी लें, तो इससे बिजली विभाग की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. बिजली निगम के अधिकारियों का कहना है कि राज्य में हर साल बिजली घाटा बढ़ता जा रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए, हर साल की तरह इस बार भी एनओसी प्रणाली लागू की गई है ताकि बकाया राशि की वसूली समय पर हो सके.
एनओसी प्राप्त करने की प्रक्रिया, ऐसे करें आवेदन
बिजली निगम ने उपभोक्ताओं के लिए एनओसी प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है. डिजिटल मीटर और स्मार्ट मीटर के आने के बाद अधिकांश उपभोक्ता अपने बिजली बिलों का भुगतान ऑनलाइन कर रहे हैं. अगर आप एनओसी लेना चाहते हैं, तो बिल भुगतान के बाद आपको अपने पंजीकृत ईमेल पर रसीद मिल जाएगी. इस रसीद का प्रिंट निकालकर अपने विभाग के अकाउंट सेक्शन में जमा कराएं. जिन उपभोक्ताओं के बकाया बिल कई महीनों से नहीं भरे गए हैं, वे बैंक में भुगतान करके अपनी रसीद संबंधित बिजली डिवीजन में जमा कर सकते हैं. इसके बाद ही उन्हें एनओसी जारी की जाएगी.
बिल का भुगतान किए बिना एनओसी नहीं मिलेगी
बिजली निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पूरा बिजली बिल जमा नहीं होगा. तब तक एनओसी जारी नहीं की जाएगी. इस नियम को लागू करने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी सरकारी कर्मचारी और आम नागरिक समय पर अपने बिजली बिल का भुगतान करें.
एनओसी प्रणाली से बिजली निगम को कैसे होगा फायदा?
एनओसी प्रणाली लागू करने से बिजली विभाग को कई फायदे होंगे, जैसे:
- राजस्व बढ़ेगा – जब सभी उपभोक्ता अपने बकाया बिल चुकाएंगे, तो राजस्व में बढ़ोतरी होगी.
- बिजली घाटा कम होगा – समय पर बिल भरने से बिजली घाटे में कमी आएगी.
- बिजली सेवा में सुधार होगा – अधिक राजस्व मिलने से बिजली आपूर्ति को और बेहतर बनाया जा सकेगा.
- भ्रष्टाचार में कमी आएगी – एनओसी प्रणाली से बिजली चोरी और बकाया भुगतान में देरी जैसी समस्याओं पर लगाम लगेगी.