RBI Action On Bank: हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक सप्ताह में दूसरी बार सख्त कार्रवाई करते हुए तीन सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है. इस कार्रवाई का कारण नियमों का उल्लंघन बताया गया है. इनमें दो बैंक महाराष्ट्र और ओडिशा में स्थित हैं. इस घटना ने बैंकिंग क्षेत्र में प्रतिक्रिया जगाई है.
बैंकों पर लगाया गया जुर्माना
महाराष्ट्र के जालना पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 0.75 लाख रुपये, मुंबई के एनकेजीएसबी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 15 लाख रुपये, और ओडिशा के परलाखेमुंडी में स्थित द को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर 2.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इन जुर्मानों को विभिन्न उल्लंघनों के लिए आरोपित किया गया है, जिसमें ऋण संबंधी अनियमितताएं और अन्य बैंकिंग नियमों का पालन न करना शामिल है.
बैंकों पर लगे आरोपों की जानकारी
ओडिशा में स्थित को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक ने अंतर बैंक और प्रतिपक्ष जोखिम सीमाओं का उल्लंघन किया है. इसके अलावा, बैंक ने दो सीआईसी (Credit Information Companies) की सदस्यता प्राप्त करने में भी विफल रहा. वहीं, महाराष्ट्र के जालना पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक ने निर्धारित सीमा से परे गोल्ड लोन स्वीकृत किए, जबकि एनकेजीएसबी को-ऑपरेटिव बैंक ने सोने की खरीद के लिए अनुचित लोन अनुदानित किया.
आरबीआई का निरीक्षण और कार्रवाई
31 मार्च 2024 को आरबीआई द्वारा किए गए निरीक्षण में उक्त उल्लंघनों का पता चला. इसके बाद, सभी प्रभावित बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए. बैंकों की प्रतिक्रियाओं और अन्य प्रस्तुतियों की समीक्षा के बाद, जुर्माने का निर्णय लिया गया. यह कार्रवाई बैंकिंग नियमों के पालन को सुनिश्चित करने और ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए की गई है.
जुर्माने का बैंकिंग सेक्टर पर प्रभाव और भविष्य की दिशा
इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप अन्य बैंकों को भी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार और नियमों के कठोर पालन की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इससे बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, जिससे ग्राहकों का विश्वास मजबूत होगा और बैंकिंग सिस्टम की समग्र विश्वसनीयता में सुधार होगा.