RTO New Rules: उत्तर प्रदेश के वाहन चालकों के लिए आरटीओ ने बड़े परिवर्तन किये हैं, जिससे अब वे आसानी से अपने नए वाहन पर पुराने नंबर का उपयोग कर सकेंगे। यह परिवर्तन विशेषकर उन लोगों के लिए लाभकारी है जो अपने वाहनों के लिए विशेष नंबरों को पसंद करते हैं।
पुराने नंबर का उपयोग करने की प्रक्रिया और शुल्क
नई गाड़ी पर पुराने नंबर को लागू करने के लिए आरटीओ ने विशेष दिशा-निर्देश और फीस व्यवस्था निर्धारित की है। नियमों के अनुसार, गोल्डन नंबर और सिल्वर नंबर के लिए विभिन्न शुल्क निर्धारित किए गए हैं, जिसकी रेंज 40,000 से 80,000 रुपये तक है। यह शुल्क नंबर की मांग और वरीयता पर निर्भर करता है।
नियमों के अनुसार आवेदन की समय सीमा
वाहन मालिकों को अपने नए वाहन पर पुराने नंबर को लेने के लिए 90 दिनों के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ ROR फॉर्म भरना होता है, जिसे RTO में जमा कराना पड़ता है।
पुराने नंबर को नए वाहन में लागू करने की पात्रता
आरटीओ नियमों के मुताबिक, केवल वही पुराने नंबर नए वाहन पर लगाए जा सकते हैं जो पहले उसी प्रकार के वाहन पर थे, यानी टू-व्हीलर का नंबर केवल टू-व्हीलर पर और फोर-व्हीलर का नंबर केवल फोर-व्हीलर पर।
वाहन बेचने के बाद पुराने नंबर का उपयोग
यदि किसी ने अपना वाहन बेच दिया है और पुराना नंबर रखना चाहता है, तो उसे ROR फॉर्म भरना होगा। वहीं, नया मालिक या तो रैंडम नंबर चुन सकता है या विशेष नंबर के लिए अलग से आवेदन कर सकता है।
लागत और शुल्क की जानकारी
नई गाड़ी पर पुराने नंबर लेने की लागत विभिन्न श्रेणियों में भिन्न होती है। यदि आप समय पर आवेदन करते हैं, तो गोल्डन नंबर के लिए 40,000 रुपये और देरी से आवेदन करने पर 80,000 रुपये तक शुल्क लग सकता है। 90 दिनों के बाद पुराने नंबर को लेने का दावा नहीं किया जा सकता।