Bijli Chori: हरियाणा में बिजली चोरी की घटनाएं एक गंभीर समस्या के रूप में उभर रही हैं. विशेषकर गांवों में जहां बिजली चोरी के मामले शहरी क्षेत्रों की तुलना में दोगुने से भी अधिक हैं. प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में 1078 फीडरों पर 50 प्रतिशत से ज्यादा बिजली चोरी के मामले दर्ज किए गए हैं जबकि शहरी क्षेत्रों में ऐसे 942 फीडर हैं जहां 25 प्रतिशत से अधिक चोरी होती है. इस विस्तारित समस्या के चलते कई जगहों पर ट्रांसफॉर्मर खराब होने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को अक्सर बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है.
बिजली आपूर्ति में सुधार की दिशा में प्रयास
हरियाणा के बिजली वितरण निगमों – उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) द्वारा कई पहलें की गई हैं. यूएचबीवीएन ने लगभग 37.64 लाख और डीएचबीवीएन ने 42.58 लाख उपभोक्ताओं को बिजली प्रदान की है. इसके लिए बड़ी संख्या में बिजली डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर और फीडरों का संचालन किया जा रहा है. इन दोनों निगमों की पहल से बिजली आपूर्ति में सुधार हो रहा है और बिजली चोरी की समस्या को कम करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं.
24 घंटे बिजली की गारंटी
हरियाणा सरकार ने गांवों में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की गारंटी देने के लिए कई उपाय किए हैं. इसमें बिजली चोरी को कम करने के लिए अग्रीगेट टेक्निकल ऐंड कमर्शियल लॉस को 12.37 प्रतिशत तक कम करना शामिल है. इस प्रयास से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली चोरी के मामले में कमी आई है, और बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है.
स्मार्ट मीटर की भूमिका और महत्व
बिजली चोरी की समस्या को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने स्मार्ट मीटरों की स्थापना पर जोर दिया है. इसके अलावा, बिजली वितरण प्रणाली को और अधिक कुशल बनाने के लिए ट्रांसफॉर्मर अपग्रेडेशन की दिशा में भी काम किया जा रहा है. स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया से बिजली चोरी में कमी और ऊर्जा की खपत में अधिक पारदर्शिता आई है.