जाने आपके शहर में किस टाइम निकलेगा चांद, देख़े शहर वाइज चांद निकलने का समय Sakat Chauth 2025 Moonrise Time Today

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Sakat Chauth 2025 Moonrise Time Today: सकट चौथ का पर्व हिंदू धर्म में माताओं और संतानों के रिश्ते को मजबूती प्रदान करने वाला महत्वपूर्ण पर्व है. इसे संकष्टी चतुर्थी, वक्रकुंडी चतुर्थी और तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है. यह पर्व माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, सफलता और स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं.

गणेश जी की पूजा का महत्व

सकट चौथ पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है. विशेष रूप से नवविवाहिताओं के लिए यह पर्व अत्यंत फलदायी माना गया है.

सकट चौथ व्रत और पारण का महत्व

सकट चौथ व्रत का पारण चंद्रमा के दर्शन के बाद ही किया जाता है. यह पर्व मातृत्व प्रेम और संतानों की उन्नति का प्रतीक है. महिलाएं पूरे दिन निर्जल व्रत रखकर शाम को गणेश जी की पूजा करती हैं और चंद्रमा के उदय होने के बाद व्रत तोड़ती हैं.

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सकट चौथ और ज्योतिषीय संयोग

इस साल 17 जनवरी 2025 को सकट चौथ का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन मघा नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है, जो इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है. ज्योतिष के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से ग्रहों की अनुकूलता प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है.

सकट चौथ 2025 चंद्रोदय का समय

चंद्रमा के दर्शन सकट चौथ व्रत का एक अभिन्न हिस्सा हैं. हर शहर में चंद्रमा उदय होने का समय अलग-अलग होता है. नीचे दिए गए टेबल में विभिन्न शहरों में चंद्रमा उदय होने का समय बताया गया है:

राज्यशहरचांद निकलने का समय
Uttar PradeshLucknowरात 8:55
Kanpurरात 8:57
Prayagrajरात 8:52
Meerutरात 9:06
Ghaziabadरात 9:08
Mathuraरात 9:08
Agraरात 9:05
DelhiDelhiरात 9:09
Noidaरात 9:07
Gurugramरात 9:00
MaharashtraMumbaiरात 9:34
PunjabAmritsarरात 9:16
GujaratAhmedabadरात 9:32
RajasthanJaipurरात 9:16
Bikanerरात 9:25
Udaipurरात 9:26
Jodhpurरात 9:28
Alwarरात 9:12
Jaisalmerरात 9:36
BiharPatnaरात 8:44

बारिश की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार, इस साल राजस्थान के कुछ शहरों जैसे अलवर, जयपुर, और सवाई माधोपुर में बारिश की संभावना है. ऐसे में इन क्षेत्रों में व्रत रख रही महिलाओं को पूजा के दौरान मौसम का ध्यान रखना होगा.

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सकट चौथ व्रत की विधि

सकट चौथ व्रत की शुरुआत सुबह सूर्योदय से होती है. महिलाएं इस दिन स्नान करके संकल्प लेती हैं और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के समक्ष दीपक जलाकर पूजा करती हैं. पूजा के लिए विशेष रूप से तिल और गुड़ के लड्डू, धूप, दीप और फूलों का उपयोग किया जाता है.

संतान सुख और परिवार में खुशहाली की मान्यता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो महिलाएं सकट चौथ व्रत सच्चे मन और श्रद्धा से करती हैं, उनके परिवार में सुख-शांति बनी रहती है. यह व्रत न केवल संतान की लंबी उम्र और सफलता के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पारिवारिक कलह को भी दूर करता है.

सकट चौथ और नवविवाहिताएं

नवविवाहिताओं के लिए यह व्रत खास महत्व रखता है. कहा जाता है कि यदि वे पहली बार सकट चौथ का व्रत विधिपूर्वक रखती हैं, तो संतान प्राप्ति के योग बनते हैं और परिवार में समृद्धि आती है.

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व्रत के दौरान बरतें सावधानियां

सकट चौथ व्रत के दौरान महिलाएं बिना जल ग्रहण किए पूरा दिन बिताती हैं. हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से यदि ऐसा करना संभव न हो, तो डॉक्टर की सलाह पर फलाहार कर सकती हैं. व्रत के दौरान मानसिक और शारीरिक शांति बनाए रखना आवश्यक है.

व्रत के लाभ और मान्यताएं

सकट चौथ व्रत के लाभ केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी देखे जाते हैं. यह व्रत आत्मसंयम और समर्पण की भावना को बढ़ावा देता है. साथ ही, परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और सामंजस्य लाने में सहायक होता है.

डिस्क्लेमर : यह लेख धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिषीय गणनाओं और परंपराओं पर आधारित है. पाठकों से अनुरोध है कि वे अपनी श्रद्धा और विश्वास के अनुसार ही व्रत और पूजा करें. उपरोक्त आर्टिकल में लिखी किसी भी जानकारी की सत्यता का दावा हम नही करते है.

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