Energy Drink Bain: पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. बलबीर सिंह ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसके अनुसार जल्द ही स्कूलों और कॉलेजों की कैंटीनों में एनर्जी ड्रिंक्स पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. इस प्रतिबंध का उद्देश्य युवाओं में स्वस्थ आहार की आदतों को बढ़ावा देना और उनके जीवनशैली में सुधार करना है. इस कदम से न केवल शैक्षिक परिसरों में, बल्कि उनके 500 मीटर के दायरे में भी एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री पर रोक लगेगी.
स्वास्थ्य जागरूकता और शिक्षा परिसरों की भूमिका
‘ईट राइट’ मेला के उद्घाटन के दौरान, डॉ. सिंह और राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने मिलकर स्कूलों और कॉलेजों की कैंटीनों में एनर्जी ड्रिंक्स के नकारात्मक प्रभावों पर विशेष जोर दिया. इस प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए, स्वास्थ्य टीमों द्वारा कैंटीनों की नियमित जांच की जाएगी. साथ ही, आस-पास के दुकानदारों से भी आग्रह किया गया है कि वे ऐसे पेय पदार्थों का विज्ञापन न करें. इसके बदले में, उन्हें लस्सी, नींबू पानी, ताजे जूस और बाजरे से बने उत्पाद जैसे स्वस्थ विकल्प पेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
डॉ. सिंह द्वारा स्वस्थ आहार की महत्वपूर्णता पर जोर
इसी कार्यक्रम में डॉ. सिंह ने मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए मिलेट्स और जैविक खाद्य पदार्थों के सेवन की महत्वपूर्णता पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि बाजरा, कंगनी, कोदरा, ज्वार, सांवन, और रागी जैसे मोटे अनाजों का सेवन न केवल पानी की बचत करता है बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार करता है. उन्होंने इन अनाजों के लाभों पर जोर देते हुए इनके उत्पादन और उपयोग के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने की आवश्यकता पर बल दिया.
समुदायिक स्वास्थ्य प्रमोटर्स की भूमिका
आगे बढ़ते हुए, मंत्री ने आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं से नशे से जुड़ी समस्याओं से निपटने में सक्रिय भूमिधर निभाने का आह्वान किया. उनका मानना है कि ये कार्यकर्ता समुदाय के स्वास्थ्य में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
सांसद संजीव अरोड़ा की प्रशंसा और आगे के कदम
राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने भी ‘ईट राइट मेला’ के पीछे के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह जागरूकता अभियान सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देगा. इस आयोजन में उन्होंने और कैबिनेट मंत्री ने विभिन्न जैविक उत्पादों के स्टॉलों का दौरा किया, जिससे जैविक उत्पादों के प्रति लोगों में अधिक रुचि और जागरूकता बढ़े.