Schools Closed: राजस्थान में बढ़ती शीतलहर और बिगड़ते मौसम ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है. अजमेर जिले में ठंड और गलन से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए जिला प्रशासन ने प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 8 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 17 और 18 जनवरी 2025 को छुट्टी घोषित की है. इससे पहले 15 और 16 जनवरी को अवकाश का आदेश जारी किया गया था. जिसे अब दो दिन और बढ़ा दिया गया है. जिला कलेक्टर लोकबंधु ने बताया कि यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा और अभिभावकों की मांग को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार 17 और 18 जनवरी को अजमेर और आसपास के क्षेत्रों में घने कोहरे के साथ हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है. इसके साथ ही ठंडी हवाओं की वजह से गलन और बढ़ेगी. मौसम की इस स्थिति से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. प्रशासन ने पहले ही लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक तैयारी करने की सलाह दी है.
प्रशासन की अपील
ठंड और शीतलहर के इस मौसम में जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे गर्म कपड़े पहनें और अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें. खासतौर पर बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से बचाने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. प्रशासन ने यह भी कहा है कि आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ सकती है. इसलिए सभी को सावधानी बरतनी चाहिए.
आदेश का पालन न करने पर कार्रवाई की चेतावनी
जिला कलेक्टर लोकबंधु ने सभी स्कूलों के प्राचार्यों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे छुट्टी के आदेश का पूरी तरह पालन करें. यदि कोई भी स्कूल इस आदेश के दौरान कक्षाएं संचालित करता पाया गया, तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी. हालांकि यह आदेश केवल कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए है. जबकि स्कूलों का स्टाफ पहले की तरह अपनी ड्यूटी करेगा.
अभिभावकों और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
छुट्टी के इस निर्णय से अभिभावकों और शिक्षकों ने राहत महसूस की है. अभिभावकों का कहना है कि ठंड के मौसम में बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल हो रहा था और इस फैसले से उनकी चिंताएं कम हुई हैं. वहीं शिक्षक भी मानते हैं कि प्रशासन का यह कदम बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है.
ठंड के बीच प्रशासन की तैयारियां
अजमेर जिले में ठंड के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रशासन ने अन्य तैयारियां भी की हैं. गरीब और जरूरतमंदों को कंबल और गर्म कपड़े बांटे जा रहे हैं. सार्वजनिक स्थानों पर रैन बसेरों की व्यवस्था को और बेहतर बनाया गया है. इसके अलावा अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को भी ठंड के चलते संभावित आपात स्थितियों के लिए तैयार रखा गया है.
बच्चों के स्वास्थ्य पर ठंड का असर
बढ़ती ठंड का बच्चों के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ता है. डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के कारण बच्चों में सर्दी, खांसी और बुखार जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं. ऐसे में अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को पर्याप्त गर्म कपड़े पहनाएं और उनके खान-पान का ध्यान रखें.
स्कूलों में स्टाफ के लिए नियम
भले ही छात्रों को छुट्टी दे दी गई है. लेकिन स्कूल स्टाफ को अपनी ड्यूटी पर उपस्थित रहना अनिवार्य है. स्टाफ स्कूल में मौजूद रहकर प्रशासनिक कार्यों का संचालन करेगा. इससे स्कूल के अन्य कार्य प्रभावित नहीं होंगे और छुट्टी के बाद कक्षाओं का संचालन आसानी से हो सकेगा.