SIM Card Rules: आधुनिक युग में मोबाइल फोन और सिम कार्ड हमारे जीवन के अभिन्न अंग बन चुके हैं। नया सिम कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया अब और भी सख्त हो गई है। नए नियमों के अनुसार, हर नए सिम कार्ड को सक्रिय करने के लिए बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य किया गया है। इससे फ्रॉड और स्कैम के खतरे को कम करने में मदद मिलेगी, क्योंकि इस प्रक्रिया के द्वारा यूजर की पहचान को सत्यापित किया जा सकेगा।
रिटेलर्स के लिए नए दिशानिर्देश
सरकार ने न केवल उपभोक्ताओं बल्कि रिटेलर्स के लिए भी नियम कड़े कर दिए हैं। अब से, सिम कार्ड विक्रेताओं को यह जांचना होगा कि कोई व्यक्ति पहले से कितने सिम कार्ड का उपयोग कर रहा है। इसके अलावा, यह भी जांचना होगा कि क्या ग्राहक ने विभिन्न नामों से सिम कार्ड प्राप्त किये हैं। इस प्रक्रिया से सिम कार्ड संबंधी धोखाधड़ी में कमी आएगी और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
फोटोग्राफिक सत्यापन की नई व्यवस्था
एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब रिटेलर्स को ग्राहकों की दस अलग-अलग एंगल से फोटो लेनी होगी। यह कदम फ्रॉड को रोकने के लिए उठाया गया है ताकि बाद में पहचान को लेकर किसी तरह का कोई विवाद न हो। यह फोटोग्राफिक सत्यापन सुनिश्चित करेगा कि सिम कार्ड वास्तविक और वैध ग्राहक को ही जारी किया गया है।
सुरक्षित सिम कार्ड व्यवहार की ओर एक कदम
नए नियमों के लागू होने से सिम कार्ड से जुड़ी सेवाएं और अधिक सुरक्षित और स्पष्ट हो जाएंगी। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं की सुरक्षा को बढ़ाना और सिम कार्ड से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों को कम करना है। इस प्रक्रिया से न केवल ग्राहकों की जानकारी सुरक्षित रहेगी, बल्कि इससे समाज में विश्वास का माहौल और भी मजबूत होगा।