Ration Card E-KYC: भारत में इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर प्रक्रिया में एक नई और महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जिससे राशन कार्ड धारकों को काफी राहत मिलने वाली है. अब तक अंगूठे के निशान के माध्यम से होने वाली e-KYC में कई बार तकनीकी समस्याएं आ रही थीं, खासकर उन लोगों के लिए जिनके हाथों की लाइनें विभिन्न कारणों से मिट गई थीं. नई विधि में, रेटिना स्कैन के जरिए e-KYC की जा सकेगी, जो कि ज्यादा सटीक और कम समस्या आती है.
ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी चुनौतियाँ और समाधान
ग्रामीण भारत में खासकर किसानों और मजदूरों के लिए अंगूठे की छाप से e-KYC कराने में कठिनाई होती है. कड़ी मेहनत और अक्सर तम्बाकू के उपयोग से उनकी उंगलियों की रेखाएं (Fingerprint Clarity) मिट जाती हैं. इस कारण से e-KYC में असफलता की दर अधिक होती है. नई रेटिना आधारित प्रणाली से यह समस्या हल होने की उम्मीद है, जिससे सभी उपयोगकर्ताओं को समान रूप से सेवाएँ मिल सकेंगी.
जिला स्तर पर e-KYC की प्रगति
जिला पूर्ति अधिकारी के अनुसार, जिले में लगभग 4 लाख 53 हजार राशन कार्ड धारक हैं, जिनमें से 77 प्रतिशत से अधिक ने पहले ही अपनी e-KYC करा ली है. नई तकनीक के साथ, शेष धारकों की e-KYC भी जल्दी और आसानी से पूरी की जा सकेगी.
ई-केवाईसी अपडेट के फायदे
नए नियमों के अनुसार, अब आंख के रेटिना स्कैन के माध्यम से e-KYC होने से न केवल तकनीकी समस्याएं कम होंगी बल्कि यह प्रक्रिया और भी तेज और सुरक्षित होगी. यह परिवर्तन राशन कार्ड धारकों के लिए निर्बाध सेवाओं को सुनिश्चित करेगा और उनके डेटा की सुरक्षा में भी वृद्धि करेगा.